नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

सूरज पॉकेट बुक्स की नई पुस्तकें हुई रिलीज

सूरज पॉकेट बुक्स एक ऐसा प्रकाशन रहा है जिसने हिंदी लोकप्रिय साहित्य के क्षेत्र में अपना एक अलग नाम स्थापित किया है। हाल ही में उन्होंने अपने नवीन सेट की घोषणा की है। यह घोषणा उनके फेसबुक पृष्ठ और अन्य सोशल हैंडल्स द्वारा की गई।  उनके इस नये सेट में तीन पुस्तकें और तीनों ही अपराध साहित्य की श्रेणी की हैं। 

यह पुस्तकें निम्न हैं:


 


मैं गुनाहगार हूँ

Main Gunahgaar Hoon | मैं गुनाहगार हूँ | मोहन मौर्य | Mohan Mourya


'मैं गुनहगार हूँ' लेखक मोहन मौर्य द्वारा लिखा गया नवीनतम उपन्यास है। इससे पहले उनका उपन्यास 'वो बेगुनाह थी'  सूरज पॉकेट बुक्स से आया था और पाठकों ने उसे काफी पसंद किया था। इस बार भी वह वो बेगुनाह थी के एक किरदार को लेकर दुबारा प्रस्तुत हुए हैं। 

किताब परिचय

जासूसी उपन्यास पढ़ने का शौकीन 38 वर्षीय आई टी प्रोफेशनल राहुल वर्मा जब ड्रग्स केस में फंसी एक 22 वर्षीय खूबसूरत लड़की को बेगुनाह साबित करने निकला तो खुद एक ऐसा गुनाह कर बैठा था, जिसकी वजह से ना सिर्फ एक बेगुनाह फाँसी के फंदे पर जा पहुँचा बल्कि उसका खुद का भी जीना दुश्वार हो गया।अपनी आत्मा पर लगे ‘मैं गुनहगार हूँ’ के दाग को मिटाने के लिये फिर उसने जो रास्ता चुना, उसने आगे चल कर ऐसा रुख अख्तियार किया जिसने न सिर्फ हैदराबाद के ड्रग्स माफिया को हिला डाला बल्कि उसकी खुद की जान के लाले भी पड़ गए।

एसिड मैन 

The Acid Man - Shubhanand, Dr Runjhun Saxsena | द एसिड मैन - शुभानन्द,डॉ रुनझुन सक्सेना


वर्ष 2019 में क्राइम एम डी शृंखला की पहली किताब ड्रॉप डेड आई थी जिसमें लेखक द्वय शुभानन्द और डॉ रुनझुन सक्सेना ने पाठकों  को ऐसी पुस्तक दी थी जिसमें अपराध सुलझाने के लिए फोरेंसिक साइंस को महत्व दिया गया था और आगे जाकर क्राइम एम डी शृंखला में उनका इरादा ऐसे ही कथानक पाठकों को परसोना था जिसमें उपन्यास के केंद्र में फोरेन्सिक अफसर ही होंगे जो कि अपराध को सुलझाते हुए दिखेंगे। हिंदी में यह अपनी तरह की अलग शृंखला थी और अब तीन साल बाद इस शृंखला का दूसरा उपन्यास एसिड मैन आ रहा है।  

किताब परिचय 

 मुम्बई के एक फ्लाईओवर के भूमिपूजन के दौरान मुख्यमंत्री की उपस्थिति में जमीन के नीचे से उजागर हुई लाश ने जो हलचल मचाई उसने पुलिस महकमे, मीडिया व पूरे शहर को हिला कर रख दिया। केस पर सीआईडी ऑफिसर मकरंद राज और विजय को लगा दिया गया जिनके हाथ सबूत के नाम पर एक पार्किंग टिकट के सिवा कुछ न लग सका। हालांकि डॉक्टर मैत्रेयी व उसकी फोरेंसिक टीम की इंवेस्टिगेशन से उजागर हुए रहस्यों के बाद लाश की पहचान हो सकी। जिसकी लाश मिली थी उसे मुम्बई की पब्लिक ‘एसिड मैन’ नाम से जानती थी। अब पूरा शहर एसिड मैन के क़ातिल को जानने के लिये उत्सुक था।

‘ड्रॉप डेड’ के बाद फोरेंसिक साइंस और थ्रिल-सस्पेंस के समावेश से उपजी क्राइम एम डी सीरीज़ की एक और सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री।


संचिता मर्डर केस



'संचिता मर्डर केस' लेखक विकास सी एस झा का नवीनतम उपन्यास है। उनका इससे पहले सूरज पॉकेट बुक्स से जुनून उपन्यास आया था। अब वह अपने पाठकों के लिए एक और मर्डर मिस्ट्री लेकर आ रहे हैं। 

किताब परिचय 

वो एक हसीन सूरत और जहीन सीरत वाली लड़की थी जिसकी लाश एक शाम उसकी ही कार से बरामद हुई थी। मासूम सी दिखने वाली उस लड़की के क़त्ल की जांच जब शुरू हुई तो बैंक रॉबरी और तीन और क़त्ल का मामला सामने आया। एक ऐसी कहानी जो आपके दिमाग की नसों को झकझोड़ कर रख देगी। जहाँ हर शख्स को कत्ल का मौका भी हासिल था और मकसद भी। मगर जब राज़ खुला तो मानो लोगों के पैरों तले जमीन ही खिसक गई। सनसनीखेज खुलासों के साथ अश्विन ग्रोवर का एक नया कारनामा।


यह तीनों ही पुस्तकें सूरज पॉकेट बुक्स की वेबसाईट पर जाकर क्रय की जा सकती हैं। लिंक निम्न है:


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