नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

वरिष्ठ लेखक-संपादक कमलदीप का उपन्यास जल्द होगा रिलीज

 

वरिष्ठ लेखक संपादक कमलदीप का उपन्यास जल्द होगा रिलीज

वरिष्ठ लेखक-संपादक कमलदीप का नवीन उपन्यास जल्द ही पाठकों  के पास उपलब्ध रहेगा। उनका यह उपन्यास अजय पॉकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित किया जाएगा। अजय पॉकेट बुक्स के कर्ता धर्ता अजय गुप्ता द्वारा एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह खबर पाठकों के बीच पहुँचाई गई।


अगर आप हिंदी कॉमिक बुक्स, हिंदी पत्रिकाएँ या हिंदी उपन्यास पढ़ते रहे हैं तो हो सकता है कि आप लेखक कमलदीप के नाम से परिचित हों। लेकिन इस बात की ज्यादा संभावना है कि आप उन्हें उपन्यास लेखक के तौर पर नहीं बल्कि कहानी लेखक और संपादक के तौर पर ज्यादा जानते हों। 72 वर्षीय कमलदीप 70-80 के दशक से लेखन की दुनिया में सक्रिय है। कॉमिक बुक लेखन, चित्रांकन, उपन्यास लेखन, सम्पादन, पत्रिकाओं (मनोहर कहानियाँ, सस्पेंस कहनियाँ इत्यादि) में कहानियाँ और लेख इत्यादि वो लिखते रहे हैं। वह अभी भी पवन बुक्स नामक संस्था में कार्यरत हैं।  

हिंदी लोकप्रिय साहित्य के स्वर्णिम काल में ऐसे कई लेखक हुए हैं जिन्होंने रचा तो बहुत कुछ लेकिन उन्हें वह प्रसिद्धि न मिल सकी जिसके वो हकदार थे। इसका एक कारण यह था कि उनकी लिखी कृतियाँ उनके नाम से नहीं बल्कि किसी ट्रेडनाम से प्रकाशित होती रहती थीं। ऐसे कई लेखक आए और लेखन करते हुए गुमनामी के अँधेरों में मौजूद रहे। लेखक कमलदीप भी उन्हें लेखकों में से एक हैं जिन्हें सम्पादन, कॉलम लेखन के लिए नाम तो मिला लेकिन अपने लिखे 300 से ऊपर उपन्यासों के लिए वह नाम न मिला। अब 2022 में 72 वर्ष की उम्र में लेखक कमलदीप का पहला उपन्यास उनके नाम से प्रकाशित होने जा रहा है। 

लेखक कमलदीप का यह आने वाला उपन्यास 'तीसरा आँख' है। प्रकाशक द्वारा उपन्यास का कवर भी इसी पोस्ट के माध्यम से साझा किया गया है। प्रकाशक से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह खौफनाक मर्डर मिस्ट्री जिसे सुलझाने निकल पड़ा है अमन वर्मा। नशे के कारोबार के इर्द गिर्द बुनी गई यह कहानी लेखक कमलदीप की पॉकेट बुक्स की दुनिया में वापसी है। 

प्रकाशक के अनुसार किताब की प्रोसेसिंग चल रही है और जल्द ही उपन्यास के प्रीऑर्डर की तारीख घोषित की जाएगी। 


FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

चाल पे चाल