नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

बेख़ौफ़ मरो

रेटिंग : 2.5/5
कॉमिक्स 8 जनवरी 2017 को पढ़ी गई

संस्करण विवरण:
फॉर्मेट : पेपरबैक
पृष्ठ संख्या : 56
प्रकाशक : राजा पॉकेट बुक्स
श्रृंखला : एंथोनी
लेखक : तरुण कुमार वाही, चित्रांकन: तौफीक , कलर : सुनील पांडेय, सम्पादक : मनीष गुप्ता
आईएसबीएन:9789332412606
मूल्य : 30 रूपये



बेखौफ मरो

रूपनगर, एक छोटा सा शहर, जिसकी रक्षा का जिम्मा जिंदा मुर्दा ने लिया था। अपराधी उसके नाम से कांपते थे और शहर में शांति का माहौल रहता था। वही शहर आजकल दुनिया की नजरों के सामने था। यहाँ के लोग सबको हैरत में डालते हुए एक के बाद एक  गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ते जा रहे थे।

ये सभी लोग अलग अलग परिवेशों से आते थे और अचानक इन शक्तियों के स्वामी बने थे।

इन सबके बीच जो चीज समान थी वो थी कर्कश। उसी ने इन्हें ये सब दिया था।

आखिर कौन था ये कर्कश? क्यों कर रहा था वो ऐसा? और कैसे वो इन आम इंसानों को असाधारण इन्सानों में तब्दील कर पा रहा था? और सबसे महत्वपूर्ण सवाल क्यों एंथोनी इससे टकराया?

इन सब सवालों के जवाब तो आपको इस कॉमिक्स को पढ़कर ही हासिल होंगे।



एंथोनी श्रृंखला मुझे शुरू से ही पसंद आई है क्योंकि इसमें हमेशा एक हॉरर एलिमेंट होता है। और हो भी क्यों न जब श्रृंखला का नायक ही एक जिंदा मुर्दा है। इस कहानी की शुरुआत भी रोचक तरीके से होती है। कर्कश नाम का रहस्यमयी व्यक्ति लोगों को बेख़ौफ़ मरने की ऑफर देता है और बदले में उन्हें असीम शक्तियों का स्वामी बनाने का वादा करता है। कॉमिक्स पढ़ते हुए पाठक के मन में कर्कश की कहानी जानने की जिज्ञासा उत्पन्न होती जाती है। फिर पाठक ये भी सोचने लगता है कि आखिर कर्कश ऐसा क्यों कर रहा है? और ये सवा लाख का क्या चक्कर है?

इन सब सवालों के जवाब कॉमिक्स पढ़ते हुए मिलते हैं जो कि थोड़ा सा औसत लगते हैं। कॉमिक्स की अच्छे ढंग से शुरुआत होती है लेकिन जब आपको कारण पता लगता है तो पाठक मन में सोचता है कि बस इतना ही था। पढ़ते समय ऐसा लग रहा था जैसे कथानक को जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश की गई थी। इसलिए जिस कॉमिक्स की शुरुआत इतनी अच्छी हुई वो आगे चलकर औसत ही रह गई। कथानक के ऊपर काम करने की आवश्यकता थी।

हाँ, इधर ये कहना जरूरी होगा कि कर्कश नाम का खलनायक मुझे पसंद आया। वो एक तगड़ा खलनायक है जो एंथोनी तक को कुछ देर के लिए नाको चने चबवा देता है। उसके और एंथनी के बीच की लड़ाई पढने में काफी मज़ा आया। मेरे लिए वो रोमांचक था।

कर्कश जब अपनी कहानी सुनाता रहता है तो उस दौरान वो एक आम इंसान रहता है। फिर अचानक उसने ये अजीब सा रूप, जिसमे नाक और कानों में बालियाँ पहनी रहती है, कैसे धरा? मेरी ये जानने की इच्छा थी जो कि कॉमिक्स में नहीं बतलाया गया। ताकत मिलने और बालियाँ पहनने के पीछे क्या सम्बन्ध था?

हाँ, और बालियाँ विशेषकर नाक वाली तो कई पैनल में आती हैं और कई में फिर से गायब हो जाती हैं। मेरे ख्याल से बेफालतू ही इसे जोड़ा गया था। खैर, ये कोई इतनी बड़ी बात नहीं है।

नाक की बाली है

आखिरी पैनल में नाक की बाली गायब 

अंत में तो केवल इतना ही कहूँगा कि कॉमिक्स औसत है और एक बार पढ़ा जा सकता है। कर्कश अच्छा खलनायक है और अगर आप एंथोनी के फेन हैं तो इस खलनायक से उसको टकराते हुए देखना आपको जरूर रोमांच से भर देगा।

अगर आपने इस कॉमिक्स को पढ़ा है तो आपको ये कैसी लगी ये बताना नहीं भूलियेगा। अगर कॉमिक्स को नहीं पढ़ा और पढ़ना चाहते हैं तो ये निम्न लिंक से मंगवाई जा सकती है:
अमेज़न
राज कॉमिक्स

एंथोनी की दूसरी कॉमिक्स के विषय में मेरे विचार आप निम्न लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं:
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2 Comments
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  1. अच्छी समीक्षा ।
    राज काॅमिक्स का एक जबरदस्त पात्र है एंथोनी।

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