नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

मोहित शर्मा


Mohit Sharma Zehan |  Mohit Sharma Trendsetter | मोहित शर्मा ज़हन
मोहित शर्मा ज़हन 
 

मोहित शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता पहले पुलिस डिपार्ट्मन्ट (अपनी सेवा के पहले तीस वर्ष) और फिर सतर्कता विभाग (विजिलेन्स डिपार्ट्मन्ट) में कार्यरत रहे। 2016 में वह सेवा से सेवानिवृत्त हो गए थे।  मोहित तीन  भाई बहनों मे सबसे छोटे हैं। उनके बड़े भाई, जो उनसे आठ साल बड़े हैं, एक प्राइवेट फर्म में इंजीनियर हैं और उनकी बड़ी बहन, जो उनसे सात साल बढ़ी हैं, एक शिक्षिका हैं। 

मोहित शर्मा की माता जी ग्रहणी हैं।  मोहित के लेखन पर उनका प्रभाव पड़ा है । अपनी माताजी का उनके लेखन और जीवन पर हुए योगदान के विषय में वह कहते हैं:

माँ, गृहणी हैं और देवबंद से हैं। मेरे अंदर के रचनाकार को बढ़ावा देने में उनका सबसे बड़ा योगदान है। वे अच्छा गाती भी हैं शायद उनका कुछ आशीर्वाद मेरी आवाज़ को भी मिल गया है। वे मज़ाक में मुझे दोष देते हुए बताती हैं कि जल्दी शादी होने के बाद शहर बदलना पड़ा और उनकी स्नातक की पढ़ाई आधी रह गई और जब कुछ सालों बाद उन्होंने दोबारा बी.ए. फाइनल करने का इरादा बनाया, तो मैं आ गया और उनको फिर से डिग्री नहीं मिल पाई। अब वे मेरी किताबें, रचनाएं पढ़कर बहुत खुश होती हैं और ज़्यादा अच्छी लगने पर मज़ाक में पूछ लेती हैं - "यह तूने ही लिखी है न?" माँ जैसी गृहणियों की छाप करोड़ों बच्चों पर पड़ती हैं, लेकिन यह मलाल रहता है कि जब खुद माँ के बारे में बात हो तो दुनियादारी के पैमाने वाली उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियां या अलग पहचान कहीं नहीं मिलती। खैर, एक और अहम बात जो मैंने उनसे सीखी...किसी इंसान को इज़्ज़त देने की लिए उसका सामान्य इंसान होना ही काफ़ी है, उसका पद, पैसे, नाम देखकर इज़्ज़त का नाप-तोल नहीं करना चाहिए। 

मोहित ने अपना शुरुआती जीवन अलीगढ़, मेरठ, आगरा और लखनऊ में बिताया है। लखनऊ वह छठी कक्षा में चले गए थे और स्नातक करने तक वह लखनऊ में ही रहे थे। लखनऊ में ही उनके लेखन की शुरुआत हुई थी। 

लेखन के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही हो गया था। माता के जगराते में गाए जाने वाले भजनों से प्रेरित होकर उन्होंने एक भेंट लिखी थी जिसे काफी सराहा गया था। 

ग्यारह वर्ष की उम्र में कारगिल युद्ध पर लिखी उनकी कविता ये देश है उन वीरों का  दैनिक अखबार राष्ट्रीय सहारा में वर्ष 1999 में प्रकाशित हुई थी। 

इसने ही उन्हें आगे निरंतर लेखन के लिए प्रेरित किया। इसके पश्चात पत्र पत्रिकाओं में उनकी लिखी कविता और कहानियाँ प्रकाशित होने लगी थीं। 

वर्ष 2005 से वह निरंतर लेखन के क्षेत्र मे सक्रिय हैं और इस दौरान फैन फिक्शन, कॉमिक बुक्स और कई कहानियाँ वो लिख चुके हैं। इसके अलावा अलग अलग माध्यमों को लेकर नवीन प्रयोग वह करते रहते हैं। काव्य कॉमिक्स ऐसा ही उनका प्रयोग है जिसमें उन्होंने कविताओं को कॉमिक आर्ट के साथ प्रस्तुत किया है।  इसके इतर वेब मैगजीनस के संस्थापक भी वो रह चुके हैं। 

2006-2007 में इन्होंने अनुराग कुमार सिंह, राहुल शशांक, मयंक शर्मा के साथ मिलकर फ्रीलांस टैलेंटस की स्थापना की थी जिसके अंतर्गत वह कलाकारों और लेखकों को कॉमिक्स, साहित्य, एनिमेशन जैसे क्षेत्रों में काम मुहैया कराने, कैसे शुरुआत की जाए, किन मुख्य लोगों से मिला जाए आदि जानकारी देने में मदद करता था। आगे चलकर वो  फ्रीलांस टैलेंट्स के माध्यम से वह स्वतंत्र कलाकारों के साथ मिलकर कॉमिक्स बुक्स और शॉर्ट्स फिल्मस का निर्माण करने लगे। अब तक वो काफी कॉमिक्स बुक्स और कुछ शॉर्ट फिल्म्स का निर्माण फ्रीलांस टैलेंटस के माध्यम से कर चुके हैं। 

फ्रीलांस टैलेंटस से रिलीज हुई कुछ शॉर्ट फिल्म्स:

  1. बावरी बेरोज़गारी
  2. कठपुतली 
  3. झोलाछाप टैलेंट

मोहित शर्मा अपने पाठकों के बीच मोहित शर्मा 'ज़हन' (Mohit Sharma 'zehan') और मोहित ट्रेंडसटर (Mohit Trendster) के नाम से भी जाने जाते हैं। 


मोहित ब्लॉगर भी हैं और अपने अलग अलग ब्लॉग्स पर अपने विचार साझा करते रहते हैं। उनके कुछ ब्लॉग्स निम्न हैं:

मोहितनेस | मोहित ट्रेंडसटर आर्काइव | मोहितोग्राफी | इंडियन कॉमिक्स यूनवर्स फैन क्लब | फ्रीलांस टैलेंट्स | ट्रेंडीबाबा माफिया


मोहित से निम्न सोशल मीडिया लिंक्स के माध्यम से संपर्क स्थापित किया जा सकता है:

फेसबुक | गुडरीडस | आईएमडीबी | कॉमिक वाइन | गूगल इन्फोबॉक्स | गूगल प्ले


मुख्य रचनाएँ:


कहानी संग्रह:

कॉमिक बुक्स


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