नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

रोमांच कथा: रचनाएँ आमंत्रित हैं

 

रोमांचकथाएँ: रचनाएँ आमंत्रित हैं


नमस्कार दोस्तों, एक बुक जर्नल और यू एन मी क्रिएशंस मिलकर एक त्रेमासिक  ई-पत्रिका   रोमांचकथा की शुरुआत करने जा रहे हैं। 

इस पत्रिका में अपराध कथा, भय कथा, विज्ञान गल्प, फंतासी  की रचनाएँ प्रकाशित की जाएँगी। आप इन विधाओं में कहानियाँ, इनसे जुड़े लेख हमें ईमेल द्वारा भेज सकते हैं।  

मेल के सब्जेक्ट में रोमांचकथा, रचना का प्रकार ( अगर कहानी है तो कहानी और लेख है तो लेख), रचना की विधा (अपराध कथा, विज्ञान कथा, फंतासी, भयकथा इत्यादि)  और शीर्षक कुछ यूं लिखकर आप हमें भेज सकते हैं:

रोमांचकथा | कहानी | अपराध कथा | खोए खजाने का रहस्य

या 

रोमांचकथा | लेख | विज्ञान गल्प | हिंदी में विज्ञान गल्प 

 पत्रिका का पहला अंक मार्च 2024 में प्रकाशित किया जाएगा।  

पत्रिका में गुणवत्ता के हिसाब से ही रचना का चुनाव होगा।  साथ ही पत्रिका में प्रकाशित रचनाओं को पत्रिका मानदेय देने की कोशिश करेगी। 

मानदेय की दर फिलहाल ये तय की गई हैं:

कहानी: 20 पैसा प्रति शब्द (न्यूनतम शब्द 2500, अधिकतम शब्द 12500)

लेख: 10 पैसा प्रति शब्द (1000 शब्द से 2500 शब्द तक)

समीक्षा: फिलहाल हम कोई मानदेय नहीं दे पाएंगे।  लेखक की तस्वीर और लेखक परिचय दिया जाएगा।

कविता: (भय, विज्ञान गल्प, फंतासी, रहस्य  से जुड़ी कविताएं) फिलहाल हम कोई मानदेय नहीं दे पाएंगे।  लेखक की तस्वीर और लेखक परिचय दिया जाएगा।

नोट: याद रखें रचना वर्ड में  यूनिकोड (मंगल, कोकिला) फॉन्ट में हो। रचना के साथ आपकी तस्वीर और आपका संक्षिप्त परिचय हो। 

आप अपनी रचनाएँ हमारे ईमेल contactekbookjournal@gmail.com पर भेज सकते हैं। रचना स्वीकृत होने पर आपको एग्रीमेंट भेजा जायेगा जिससे रचनाकार के सहमत होने पर ही पत्रिका द्वारा रचना प्रकाशित की जायेगी।

तो देर किस बात की है। जल्द से जल्द अपनी रचनाएँ हमें भेजें। मार्च अंक के लिए रचना भेजने की अंतिम तिथि 15 फरवरी 2024। 

इसके बाद आई रचनाएँ अगर स्वीकार होती हैं तो अगले अंक में प्रकाशित की जाएँगी।


FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

Post a Comment

2 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

चाल पे चाल