नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

'नौनिहालों के नवंबर' में साहित्य विमर्श लेकर आया है बाल पाठकों के लिए अद्भुत भेंट

नौनिहालों के नवंबर में साहित्य विमर्श लेकर आया है बाल पाठकों के लिए अद्भुत भेंट

14 नवंबर को बाल दिवस के मौके पर साहित्य विमर्श प्रकाशन ने बाल पाठकों के लिए विशेष घोषणा की है। साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा नवंबर का महीना नौनिहालों का नवंबर रूप से मनाने की घोषणा की गयी है। इस घोषणा के अंतर्गत प्रकाशन द्वारा पाँच किताबों का सेट रिलीज किया गया है। यह सभी किताबें आकर्षक कीमतों पर साहित्य विमर्श प्रकाशन और अमेज़न से प्री ऑर्डर के लिए उपलब्ध हैं। 

यह किताबें निम्न हैं:


आदी पादी दादी 



आदी पादी दादी लेखक समीर गांगुली का बाल कथा संग्रह है।  लेखक समीर गांगुली पिछले तीन दशकों से लेखन क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनकी रचनाएँ देश की विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। आदी पादी दादी कहानी में लेखक की 11 कहानियाँ एकत्रित की गयी है। अलग अलग विषयों पर लिखी गयी इन कहानियों की खास बात यह है कि सभी के केंद्र में लड़कियाँ ही हैँ। 

एमआरपी: 109 /- | प्री ऑर्डर कीमत: साहित्य विमर्श: 89 /- , अमेज़न: 99 /- 

पुस्तक लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श


पोटली किस्से कहानियों की 



पोटली किस्से कहानियों की लेखिका दीप्ति मित्तल का लिखा कहानी संग्रह है। दीप्ति मित्तल जी ने हाल ही में  अपने लघु-उपन्यास ओए मास्टर के लौंडे के लिए किंडल पेन टू पब्लिश पुरस्कार जीता था। प्रस्तुत संग्रह में दीप्ति मित्तल जी की 16 कहानियों को एकत्रित किया गया है जिनमें बाल मन के अनेक पहलुओं को लेखिका ने दर्शाया है। यह कहानियाँ बाल पाठकों का मनोरंजन तो करेंगी ही साथ में उन्हे शिक्षा भी प्रदान करेंगी। 

एमआरपी: 115 /- | प्री ऑर्डर कीमत: साहित्य विमर्श: 99 /- , अमेज़न: 109 /-

पुस्तक लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श




कुबड़ी बुढ़िया की हवेली


कुबड़ी बुढ़िया की हवेली लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का लिखा बाल उपन्यास है। काफी वर्षों से अनुपलब्ध इस बाल उपन्यास को साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा पाठकों के लिए पुनः उपलब्ध करवाया जा रहा है। 

किताब परिचय

एक पुरानी हवेली जिसका घंटा कभी-कभी अँधेरी रातों में अपने आप बजने लगता था। राजू, मुन्नी और भोला को लगता था कि कहानियों में पढ़ी गयी ज्यादातर पुरानी हवेलियों की तरह इस हवेली में भी कोई न कोई गुप्त रास्ता अवश्य है। गुप्त रास्ते की तलाश में तीनों बच्चे पहुँच गये एक रोमांचक और खतरनाक रहस्य की तह तक। क्या था हवेली का रहस्य जिसके कारण तीनों बच्चों की जान पर बन आई।

एमआरपी: 109  /- | प्री ऑर्डर कीमत: साहित्य विमर्श: 89 /- , अमेज़न: 99 /-

पुस्तक लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श 


बेताल और शहजादी


बैताल और शहजादी लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का लिखा बाल उपन्यास है। काफी वर्षों से अनुपलब्ध इस बाल उपन्यास को साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा पाठकों के लिए पुनः उपलब्ध करवाया जा रहा है। 

किताब परिचय


शहजादी शबनम महल से भागी अपनी शादी से बचने के लिए और फँस गयी जादू और तंत्र-मंत्र की ऐसी दुनिया में जिससे उसका जीते जी निकलना मुश्किल था। एक तांत्रिक के हाथों की कठपुतली बनकर शहजादी ने क्या-क्या कारनामे किये? क्या वह वापस अपनी दुनिया में लौट पाई? अपराध कथा लेखन के शहंशाह सुरेन्द्र मोहन पाठक द्वारा लिखा गया यह बाल उपन्यास पाठकों को कल्पना की एक अनोखी दुनिया में लेकर जाता है, जहाँ मायावी शक्तियों के जाल में फँसी है शहजादी शबनम और उस जाल को तोड़ कर शहजादी को वापस अपनी दुनिया में ले जाने के लिए कृतसंकल्प है उसका मित्र अनिल।

एमआरपी: 109 /- | प्री ऑर्डर कीमत: साहित्य विमर्श: 89 /- , अमेज़न: 99 /-

पुस्तक लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श 


चाँद का पहाड़


चाँद का पहाड़ लेखक बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय के बांग्ला उपन्यास चांदेर पहाड़ का हिंदी अनुवाद है। उपन्यास का अनुवाद जयदीप शेखर जी द्वारा किया गया है। 1937 में प्रकाशित यह किशोर उपन्यास लेखक के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक है। यह एक रोमांचकथा है जो कि पाठक का भरपूर मनोरंजन करती है। 

किताब परिचय

यह गाथा है 1909 के एक भारतीय किशोर शंकर रायचौधरी की, जो साहसिक जीवन जीना चाहता था। संयोगवश वह जा पहुँचता है अफ्रीका, जिसे उन दिनों ‘अन्ध महादेश’ कहा जाता था, यानि जिसके अधिकांश हिस्सों तक मनुष्य के चरण अभी नहीं पहुँचे थे! वहाँ संयोगवश ही उसकी मुलाकात पुर्तगाली स्वर्णान्वेषी दियेगो अलवरेज से हो जाती है। दोनों मध्य अफ्रीका की दुर्लंघ्य रिख्टर्सवेल्ड पर्वतश्रेणी में स्थित पीले हीरे की खान की खोज में निकल पड़ते हैं, जिसके बारे में मान्यता थी कि एक भयानक दैत्य ‘बुनिप’ उसकी रक्षा करता है! 

कैसा रहा यह अभियान? क़्या वे सफल हो सके?

एमआरपी: 149 /- | प्री ऑर्डर कीमत: साहित्य विमर्श: 119 /- , अमेज़न: 129 /-

पुस्तक लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श


साहित्य विमर्श लेकर आया है एक खास ऑफर

ऊपर दी हुई पाँचों पुस्तकों पर साहित्य विमर्श प्रकाशन एक खास ऑफर भी पाठकों के लिए लेकर आ रहा है। वैसे तो इन पुस्तकों पर प्री ऑर्डर कर पाठक अलग अलग पुस्तकों पर भी रियायत पा सकते हैं परन्तु अगर वह पूरा सेट ऑर्डर करते हैं तो वह 591 रुपये मूल्य की इन पुस्तकों को 449 रुपये में ऑर्डर कर सकते हैं। इसके साथ ही पाठकों को यह सेट मुफ़्त में डिलिवर किया जाएगा।


नौनिहालों का नवंबर में प्रकाशक द्वारा की गयी एक प्रेरक पहल 

किताबों के सेट के रिलीज के साथ साथ प्रकाशक ने घोषणा की है कि इस प्री ऑर्डर अवधि के दौरान जितनी भी किताबें पाठकों द्वारा बुक की जाएंगी उतनी किताबें प्रकाशन द्वारा खरीददार के तरफ से समाज के उस वर्ग के बच्चों को उपहार स्वरूप देगा जो परिस्थितिवश ऐसी पुस्तकें नहीं खरीद पाते हैं। यानि कि अगर पाठक सेट की एक पुस्तक ऑर्डर करता है तो उसके नाम से एक पुस्तक बच्चों तक पहुंचाई जायेगी। और अगर वो पूरा सेट खरीदता है तो पूरा सेट बच्चों तक पहुंचाई जाएगी। इस उपहार के संबंध में साहित्य विमर्श प्रकाशन पाठक को एक सर्टिफिकेट ऑफ़ अप्रीशीऐशन भी देगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे। 

साहित्य विमर्श प्रकाशन की अन्य किताबें अमेज़न से निम्न लिंक पर जाकर खरीदी जा सकती हैं:

अमेज़न

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