इस दुनिया में दोस्ती जतन से करनी पड़ती है, दुश्मनी अपने आप हो जाती है। दुनिया से बस एक कदम आगे चलने की कोशिश करके देखो, दुनिया पीछे से उन क़दमों को खींचकर इनसान को मुँह के बल गिराने में लग जाती है।
- गौरव कुमार निगम, द स्कैंडल इन लखनऊ
किताब: किंडल
जब भी किताबों के पन्ने पलटता हूँ , कई किरदारों से रूबरू हो जाता हूँ , कुछ में अपनों को कुछ में दूसरों को पाता हूँ, एक किताब के जरिये न जाने कितनी जिंदगियाँ जी जाता हूँ। - विकास 'अंजान'
इस दुनिया में दोस्ती जतन से करनी पड़ती है, दुश्मनी अपने आप हो जाती है। दुनिया से बस एक कदम आगे चलने की कोशिश करके देखो, दुनिया पीछे से उन क़दमों को खींचकर इनसान को मुँह के बल गिराने में लग जाती है।
- गौरव कुमार निगम, द स्कैंडल इन लखनऊ
किताब: किंडल
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