बात की गहराई तक पहुँचने का ढंग नारी का बिल्कुल अपना होता है। मर्द किसी निर्णय तक पहुँचने के लिए एक दिमागी यात्रा करता है, नारी एक अंतबौद्धिक यात्रा करती है। मर्द का निर्णय बाहरी रूप से अधिक सही होता है, नारी का मनोवैज्ञानिक ऐतबार है।
- कृश्न चन्दर, एक करोड़ की बोतल
© विकास नैनवाल 'अंजान'
बहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteजी आभार,मैम...
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