"कोई भी विचार, अगर वह पूरी तरह बना हुआ है, यानी कि उसमें फेरबदल की कोई जरूरत महसूस न हो, तो वह एक बैक्टीरिया की तरह होता है। वह सिर्फ बीमारी फैलाता है।"
- अलका सरावगी, एक सच्ची झूठी गाथा
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© विकास नैनवाल 'अंजान'
यह अच्छा प्रयास है, पर एक किताब के अधिकांश Quoteएक साथ हो तो सही रहेगा।
ReplyDeleteजी जब कोई किताब पढता हूँ तो उसके सभी कोट एक साथ लिखता ही हूँ।यह बस रोज एक अच्छे हिन्दी के कोट से पाठक को परिचित करवाने की कवायद है।
Deleteसार्थक सन्देश।
ReplyDeleteजी आभार....
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