नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

ओडायन: आरंभम | लेवल 10 | सुहास सुंदर, दीपक शर्मा

संस्करण विवरण 

फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 92 | प्रकाशक: पॉप कल्चर पब्लिशिंग | भाषा: अंग्रेजी शृंखला: ओडायन 1

टीम 

क्रीऐटर: सुहास सुंदर, दीपक शर्मा | चित्रांकन: दीपक शर्मा | ग्रे टोंस: संतोष पिल्लेवर, राघवेंद्र कामत | सुलेख: राघवेंद्र कामत | डिजाइन और निर्माण: अमिता खोसला 

पुस्तक लिंक: अमेज़न 






कहानी 

कैलिकट का ज़ामोरिन (राजा) इन दिनों परेशान चल रहा था। उसकी परेशानी का सबब था एक रहस्यमय व्यक्ति ओडायन। कोई नहीं जानता था कि यह कौन था लेकिन ये सभी जानते थे कि तटों पर काम करने व्यापरियों से वह धन उगाही का काम कर रहा था। उसने जामोरिन की सत्ता को सीधे ललकारा था।

पर यह धन की उगाही ही ओडायन का एकमात्र मकसद  नहीं था। वह किसी ऐसी चीज की तलाश में था जो कि  उसे असीमित शक्ति का स्वामी बना देगी। पर इसे हासिल करने के लिए उसे कई युद्ध लड़ने थे।

आखिर कौन था ये ओडायन? 

वह क्यों जामोरिन के खिलाफ था?

ओडायन का असल मकसद क्या था?  वह किस शक्ति की तलाश में था?

                    


विचार 

'ओडायन' का यह संस्करण मैंने 2016 में खरीदा था। इसे पढ़ना 2017 में हुआ था और उसके बाद ये घर में रखा हुआ था। इतने वर्षों में इसकी कहानी मैं भूल चुका था और इसलिए इस बार घर आना हुआ तो कॉमिक बुक दोबारा से उठाया और पढ़ने लगा। 

ओडायान को आप जब पहली दफा उठाते हो तो सबसे पहले जो चीज आपको आकर्षित करती है वह है इसका चित्रांकन और रंग संयोजन। यह दीपक शर्मा द्वारा किया गया और इसके लिए वो तारीफ के पात्र हैं।  अक्सर कॉमिक बुक की बात आती है तो वो या तो ब्लैक एंड व्हाइट होते हैं या फिर रंगीन लेकिन ओडायन ऐसा नहीं है। इसका अधिकतर हिस्सा ब्लैक एण्ड व्हाइट है और कुछ रंगीन है। कॉमिक बुक में कुछ किरदार हैं जो कि चेहरे पर पेंट लगाते हैं। इन किरदारों के चेहरों को दर्शाने के लिए रंग का प्रयोग हुआ है। इसके अलावा जब भी नया अध्याय शुरू होता है उसके लिए रंगीन पृष्ठ का प्रयोग किया गया है। यह प्रष्ठ काफी खूबसूरत बने हैं जिनपर नजर ठहर जाती है। यह कॉमिक बुक के आकर्षण को और बढ़ा देता है।

कॉमिक बुक के पृष्ठ

कहानी की बात की जाए तो ओडायन की कहानी भार्गवक्षेत्रम नामक जगह में बसाई गई है। यह भार्गवक्षेत्रम आज का केरल है और यहाँ की संस्कृति कॉमिक बुक में दिखती है। यहाँ राजा है, पुर्तगाली व्यापरी हैं, कलारी योद्धा हैं, अलग अलग जातियाँ हैं और उनके काम हैं और उनसे जुड़ी लोककथाएँ हैं जिन्हें लेखक ने बाखूबी इस कहानी में पिरोया है। कहानी पढ़ते पढ़ते कुछ ऐसे शब्द आपकी नज़रों से गुजरते हैं जिन्हें समझने के लिए आपको एक दो बार गूगल करना होगा लेकिन इतना करना लाजमी है। कॉमिक बुक एक नई संस्कृति का द्वार आपके समक्ष खोलती है जिसके विषय में आपको जानने से हिचकना नहीं चाहिए। 

कहानी के केंद्र में ओडायन है। यह एक रहस्यमय किरदार है जो कि राजा के खिलाफ खड़ा है। वह जीतने के लिए कोई भी हथकंडे अपनाने को तैयार है। वह अच्छा है या बुरा ये पता करना इस अंक में मुश्किल होता है। कॉमिक बुक में वह व्यापारियों से धन की उगाही करता भी दिखता है और लोगों की मदद करता भी दिखता है। साथ ही वह कलरीपट्टु योद्धाओं से लड़ता भी दिखता है। 

कॉमिक बुक की शुरुआत में हमें पता चलता है कि उसे भगवान परशुराम के फरसे के उन 21 टुकड़ों की तलाश है जिसे एक कथा के हिसाब से परशुराम ने उन 21 गुरुओं को दिया था जिन्हें उन्होंने उन 42 कलारी (कलारीपट्टु सीखने का स्थान) का संरक्षण सौंपा था। कॉमिक बुक की शुरुआत में वह इन्हीं में से ग्यारहवें टुकड़े को हासिल करता है और इस चक्कर में एक कलारी योद्धा कलन को उसके बेटे उन्नी के सामने ही मार देता है।

जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है वैसे वैसे ओडायन के विषय में अधिक जानकारी तो मिलती ही है  लेकिन साथ में राजा और उसके साथियो के विषय में भी पता लगता है। राजा ओडायन के खिलाफ किन लोगों को मैदान में उतारता है और उनके साथ ओडायन के युद्ध का क्या परिणाम निकलता है यह देखना रोचक रहता है। इसके साथ साथ कैसे कुछ किरदारों के समीकरण बदलते हैं यह देखना रोचक रहता है। 

कॉमिक बुक के इस भाग को लगभग पाँच अध्यायों में विभाजित किया गया है। हर भाग की शुरुआत एक रंगीन पृष्ठ से हुई है।  आखिर तक आते आते हमें ओडायन जैसा है वैसा क्यों बना इसके विषय में भी पता चल जाता है। 

ओडायन के अतिरिक्त उन्नी, चीरू, बारबोसा, जामोरिन जैसे किरदारों से कॉमिक बुक में आपका परिचय होता है। कुछ को आप ओडायन से टकराते देखते हैं और कुछ को टकराते देखना अगले भाग में होगा। लेकिन यह सब किरदार आगे जाकर क्या करेंगे यह देखने के लिए आप कॉमिक बुक का अगला भाग जरूर पढ़ना चाहेंगे। 

 कॉमिक बुक  केरल और उसकी संस्कृति के विषय में भी आपको काफी कुछ बताता है। मुझे ये लगता है कि इधर कई ऐसे चीजें होंगी जिन्हें वहाँ के लोग आसानी से पकड़ सके होंगे लेकिन मेरे लिए यह थोड़ी मुश्किल थी। मसलन ओडायन और चीरू दोनों ही पेंट लगाकर लड़ाई लड़ते हैं। ऐसा पैंट अक्सर केरल के नृत्य में कलाकार करते हैं।  ओडायन इसका कारण कॉमिक बुक में बताता है लेकिन ओडायन द्वारा हरे और चीरू द्वारा लाल रंग से अपने मुँह को रंगने का क्या कोई विशेष कारण था? क्या किसी और रंग से ये रंगे नहीं हो सकते थे? यह प्रश्न मन में आए बिना न रह सका। इन रंगों के महत्व के विषय में अगर कोई बता सके तो बेहतर होगा। 

अंत में यही कहूँगा कि ओडायन एक एक्शन से भरा कॉमिक बुक है जो कि अंत तक आपको बाँध कर रखता है। यह आपका मनोरंजन करने में सफल तो होता ही है साथ में अगले भाग के लिए भी उत्सुकता आपके मन में जगाता है। अगर नहीं पढ़ा है तो आपको इसे पढ़कर देखना चाहिए। 

पुस्तक लिंक: अमेज़न 




I'm participating in #BlogchatterA2Z 


ब्लॉगचैटर A 2 Z चैलेंज से जुड़ी अन्य पोस्ट्स आप इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं

FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

चाल पे चाल