नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

अनुवादक और लेखक अरुणव सिन्हा को मिला वर्ष 2022 का वाणी फाउंडेशन उत्कृष्ट अनुवादक पुस्कार

 



अनुवादक और लेखक अरुणव सिन्हा को रविवार 13 मार्च 2022 को वाणी फाउंदेशन के उत्कृष्ट अनुवादक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें जयपुर साहित्य महोत्सव के दौरान दिया गया। विजेता का चुनाव तीन सदस्यी चयन समिति जिसमें नमिता गोखले (प्रख्यात लेखिका और जयपुर साहित्य महोत्सव की सह निदेशिका), नीता गुप्ता (पब्लिशिंग कंसल्टेंट और जयपुर बुकमार्क की निदेशिका) और संदीप भुतोड़िया (लेखक और प्रभा खेतान फाउंडेशन के चैयरमैन) शामिल थे, द्वारा किया गया। 

ज्ञात हो अरुणव सिन्हा बांग्ला रचनाओं का अंग्रेजी में अनुवाद करते हैं। वह गल्प, कथेतर साहित्य और कविताओं का अनुवाद करते हैं। वह अब तक 60 से ऊपर रचनाओं का बांग्ला से अंग्रेजी में अनुवाद कर चुके हैं। अपने अनुवादों के लिए वह पहले भी कई पुरस्कार जीत चुके हैं। शंकर के उपन्यास चौरंगी (2007) और अनीता अग्निहोत्री के उपन्यास सेवन्टीन (2011) के लिए वह क्रॉसवर्ड ट्रांसलेशन अवॉर्ड जीत चुके हैं। वहीं बुद्धदेव बॉस के उपन्यास व्हेन द टाइम इस राइट के लिए म्यूज इंडिया ट्रैन्स्लैशन अवॉर्ड (2013) जीत चुके हैं। 

वाणी फाउंडेशन द्वारा हर वर्ष दिए जाने वाला उत्कृष्ट अनुवादक पुरस्कार हर साल एक ऐसे भारतीय अनुवादक को दिया जाता है जिसने कम से कम दो भारतीय भाषाओं या भारतीय भाषाओं और अंतर्राष्ट्रीय भाषाओ के बीच अनुवाद कर उल्लेखनीय कार्य किया है। अनुवादको द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों को पहचान दिलाने हेतु यह पुरस्कार दिया जाता है। पुरस्कार विजेता को 1 लाख रुपये इनाम राशि के साथ साथ एक ट्रोफी और एक प्रशस्ति पत्र भी फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार का छठवाँ संस्करण था। इससे पहले आत्तूर रवि वर्मा (मलयालम में किए गए अनुवादों के लिए, 2015-16), अनामिका (भोजपुरी के अनुवादों के लिए , 2016-17)।, रीटा कोठारी (सिन्धी के लिए, 2017-18), तेजी ग्रोवर (हिंदी के लिए, 2018-19) और रक्षंदा जलील (उर्दू के लिए 2019-2020) ये पुरस्कार जीत चुके हैं। 


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