नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

लेखक रणेंद्र को मिला 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान' 2020

दिसम्बर 2020 में लेखक रणेंद्र को इफ्को (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) द्वारा श्रीलाल शुक्ल स्मृति साहित्य सम्मान 2020 दिया गया। 

इस वर्ष की चयन समिति में  नित्यानंद तिवारी (आलोचक),चन्द्रकान्ता (कथावाचक),विष्णु नागर(कवि एवं पत्रकार ), प्रोफेसर रवि भूषण(लेखक), मुरली मनोहर प्रसाद सिंह(वरिष्ठ आलोचक) और डॉ दिनेश कुमार शुक्ला (वरिष्ठ कवि) शामिल थे।

लेखक रणेंद्र को मिला श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान 2020
रणेंद्र
रणेंद्र का जन्म 10 फरवरी 1960 को बिहार के नालंदा जिले के एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। लेखक रणेंद्र अपनी रचनाओं द्वारा आदिवासी समाज और समाज से जुड़े विभिन्न सरोकारों को प्रकाश में लाते रहे हैं।

वह उपन्यास, कहानियाँ और कवितायें लिखते रहे हैं। ग्लोबल गाँव का देवता, गायब होता देश, छप्पन छुरी बहत्तर पेंच उनकी कुछ मुख्य रचनाएँ हैं। शास्त्रीय संगीत घरानाओं पर आधारित उनका उपन्यास  गूँगी रुलाई का कोरस जल्द ही प्रकाशित होने वाला है।

क्या है श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान?

साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में दिए जाने वाले श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान की शुरुआत 2011 में हुई थी। श्रीलाल शुक्ल स्मृति सम्मान हर साल उर्वरक क्षेत्र की सहकारी संस्था इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा ऐसे हिन्दी लेखक को दिया जाता है जिनकी रचनाओं में भारतीय ग्राम जीवन को दर्शाया जाता है। इस सम्मान को दिए जाने के लिए एक निर्णायक मण्डल का गठन होता है जो कि विजेता का चुनाव करती है। चुनाव करने का एक मात्र पैमाना यह होता है कि रचना भारतीय ग्रामय जीवन का चित्रण करती हो।

पुरस्कार के विजेता को 11 लाख रूपये की ईनाम राशि भी दी जाती है।

आपको बताते चलें अभी तक सम्मान विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, मिथलेश्वर, अष्टभुजा शुक्ला,कमलनाथ त्रिपाठी,रामदेव धुरंधर, रामधारी सिंह दिवाकर को दिया जा चुका है।


- विकास नैनवाल 'अंजान'

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