नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

समीक्षा: विराट 5

 संस्करण विवरण:

फॉर्मेट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 40 | प्रकाशक: राज कॉमिक्स | श्रृंखला: विराट 5 | कॉमिक रूपान्तर: हनीफ अजहर | चित्रांकन: तौफीक

समीक्षा: विराट 5

कहानी

न्यायप्रमुख सत्यप्रिय की बेटी यशोधरा के अपहरण का इल्जाम जब विराट पर लगा तो वह खुद पर लगे इल्जाम को मिटाने का प्रण कर राजमहल से निकल पड़ा था। इस सफर में उसका साथ नटवर दे रहा था।

वहीं विराट इस बात से अनजान था कि उसकी गैरमौजूदगी में कालभैरव ने अपने गुरु प्रचंडदेव की शक्तियों का इस्तेमाल कर महाराज को विराट के गुनाहगार होने का यकीन दिला दिया था। यही कारण था कि उन्होंने विराट को भगौड़ा घोषित कर उसे पकड़ाने पर इनाम भी घोषित दिया था। 

अब विराट को सुंदरगढ़ का हर सैनिक ही नहीं बल्कि नागरिक भी ढूँढ रहा था। 

अब विराट को न केवल प्रचंडदेव की मायावी शक्तियों का मुकाबला करना था बल्कि अपने आप को सुंदरगढ़ के लोगों से बचाकर भी रखना था। वह नहीं जानता था कि कौन कब उसका दुश्मन बन जाए।  

क्या विराट अपनी मंजिल पा पाया? 

क्या वह प्रचंडदेव की मायावी शक्तियों का मुकाबला कर पाया? प्रचंडदेव ने विराट और नटवर के लिए आगे की क्या योजनाएँ बनाई थी?


मेरे विचार

विराट पाँच विराट शृंखला का पाँचवा कॉमिक है। इस कॉमिक में पाठक देखते हैं कि विराट अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लिए निकल चुका है। वहीं विराट चार में जिस मुसीबत से वो दो चार हुए थे उसे वह पछाड़ चुके हैं। यहाँ उनके सिर पर दो तीन तरह की मुसीबतें आ चुकी हैं। एक तरफ जहाँ उनके पीछे पहले से ही काल भैरव के सिपाही और प्रचंडदेव की मायावी शक्तियाँ पड़ी हुई थी वहीं अब काल भैरव के षड्यन्त्र के चलते सुंदरगढ़ के महाराज विजयसिंह भी विराट के खिलाफ़ हो चुके हैं। अब विराट के पास अपने आप को बेगुनाह साबित करने का एक ही तरीका बचा है और वह तरीका है यशोधरा को पाना। यह वह कैसे करता है और इस दौरान उसे किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है यही इस कॉमिक में दिखता है। उसके इस सफर के एक छोटे से हिस्से को यह कॉमिक दर्शाती है। 

कॉमिक में एक और महत्वपूर्ण बदलाव दुर्जन के विराट और कालभैरव के साथ के रिश्ते को लेकर भी हुआ है। यह बदलाव क्यों और कैसे होता है यह देखना रोचक रहता है। 

वहीं कॉमिक बुक में एक बार फिर रहस्यमय फकीर बाबा की एंट्री हुई है। यह बाबा कौन हैं इसे लेकर मन में काफी प्रश्न आते हैं। इन प्रश्नों का उत्तर तो पाठकों को नहीं मिला है लेकिन जिस मकसद से विराट और नटवर उनसे मिलते हैं वह मकसद जरूर हल हो जाता है। बाबा के पास ऐसी शक्तियाँ कहाँ से आई यह मैं जरूर जानना चाहूँगा। 

कॉमिक के आखिरी हिस्से में विराट और नटवर प्रचंडदेव की शक्तियों से जूझते हुए दिखते हैं। यह युद्ध रोचक रहता है। कॉमिक का अंत जिस तरह हुआ वह यह सोचने पर मजबूर करता है कि अब प्रचंडदेव क्या नई मुसीबत हमारे नायकों के सामने लेकर आएगा और हमारे नायक उससे किस तरह निपटेंगे। यह देखना रोचक रहेगा। विराट नायक क्यों है और नटवर उसका साथी क्यों है यह भी कहानी में कई बार देखने को मिलता है।

कहानी की कमी की मैं बात करूँ तो एक ही चीज मुझे लगी। इस कॉमिक में महाराज विराट के खिलाफ़ मुनादी करवा देते हैं। इस बिन्दु से विराट के जीवन में ज्यादा हलचल मचती नहीं दिखती है। कॉमिक बुक में एक परेशानी इस कारण भी आती दिखती तो अच्छा रहता। विराट जब दुर्जन से मुकाबला कर लौट रहा होता है तब ऐसा कुछ दर्शाया जा सकता था जिससे एक और फाइट सीक्वन्स कहानी में जुड़ सकता था। यह कहानी की रोचकता को बढ़ाता। लेकिन यह बात छोटी सी है और इसके न होने से इतना ज्यादा फर्क कहानी में नहीं पड़ता है। 

यह तो हुई कहानी की बात लकें विराट 5 के आर्टवर्क की बात करूँ तो विराट 5 में आर्ट के स्तर पर एकअसंतुष्टि का भाव मन में जागृत जरूर हो जाता है।  विराट पाँच का आर्ट वर्क तौफीक द्वारा बनाया गया है। कदम स्टूडियो के आर्ट को देख्नने के बाद यह आर्टवर्क उतना जमता नहीं है। विराट और बाकी किरदारों के चेहरे उतने अच्छे नहीं बन पड़े हैं जितना कि कदम स्टूडियो के आर्ट में बने होते हैं। कदम में वह उन कलाकारों की तरह दिखते थे जिन्होंने इन  किरदारों को टीवी पर निभाया गया लेकिन यहाँ ऐसा नहीं होता है। फिर यह चेहरे कहानी में  बदलते भी रहते हैं। आर्ट में आर्ट में एक तरह की अपरिकवता दिखती है जो कि पाठक चूँकि कदम के आर्ट से वाकिफ़ है तो और ज्यादा महसूस होती है। 

अंत में यही कहूँगा कि विराट पाँच कहानी को अच्छी तरह से आगे बढ़ाता है। कहानी रोमांचक है और पाठक का मनोरंजन करती है। विराट छ के प्रति यह पाठक में मन में उत्सुकता भी जगाती है जो कि इसके अच्छे कॉमिक होने का द्योतक है। हाँ, आर्टवर्क थोड़ा और अच्छा होता तो मज़ा बढ़ जाता। 

अगर आपने इस कॉमिक को पढ़ है तो मुझे कॉमिक के प्रति अपनी राय से जरूर अवगत करवाइएगा। 

यह भी पढ़ें:


आज का प्रश्न: 


प्रश्न: पाठकों विराट कॉमिक बुक में मायावी शक्तियों का काफी प्रयोग दिखाया गया है। कई कहानियों में यह दिखलाया जाता है। आपने भी पढ़ा होगा। क्या आपको कभी लगा है कि कहानियों में इन शक्तियों का प्रयोग बहुत ही बेवकूफाना तरीके से किया गया है। वह कौन स प्रयोग थ जो आपको बेवकूफाना लगा? और अगर आपके पास मायावी शक्तियाँ आ जाएँ तो आप इनका प्रयोग कैसे करेंगे? मुझे जरूर बताइएगा। 
FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

चाल पे चाल