आज का उद्धरण
अजीब बात है, बचपन के ख़्वाब कभी धुँधलाते नहीं। मुरझाते नहीं। सफ़र की हर मंज़िल पार करते हम बार-बार उस झुरमुट से होकर जाते हैं जहाँ से हमे पहली आवाज़ …
आज का उद्धरण Read Moreसाहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
अजीब बात है, बचपन के ख़्वाब कभी धुँधलाते नहीं। मुरझाते नहीं। सफ़र की हर मंज़िल पार करते हम बार-बार उस झुरमुट से होकर जाते हैं जहाँ से हमे पहली आवाज़ …
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