tag:blogger.com,1999:blog-6624276145362245599.post650199543244193583..comments2024-03-27T04:25:14.049+05:30Comments on एक बुक जर्नल: अनोखी दुनिया - एस सी बेदीविकास नैनवाल 'अंजान'http://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6624276145362245599.post-12906898639280756272018-06-15T23:38:15.688+05:302018-06-15T23:38:15.688+05:30बस हिन्दी में उतने पाठक नहीं है क्योंकि आजकल की पी...बस हिन्दी में उतने पाठक नहीं है क्योंकि आजकल की पीढ़ी के बच्चो के लिए बाल उपन्यासों की कमी है.... इससे बच्चे शुरुआत में अंग्रेजी के उपन्यास पढ़ने लगते हैं और फिर उनको हिन्दी पढ़ने की आदत नहीं रहती... ऐसे में नये पाठक नहीं बन पाते और किताबें बिना पढ़े रह जाती हैं....इसलिए अच्छे बाल उपन्यास आने जरूरी हैं ताकि नए पाठक तैयार होते रहे.....विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6624276145362245599.post-30939569376690687162018-06-15T23:35:40.144+05:302018-06-15T23:35:40.144+05:30अभी विकी में फिल्म के विषय में पढ़ा... नहीं केवल भा...अभी विकी में फिल्म के विषय में पढ़ा... नहीं केवल भाई के बाहर जाने का पॉइंट ही उस फिल्म जैसा है.. बाकी लघु उपन्यास की कहानी काफी जुदा है....विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6624276145362245599.post-35703390151874364752018-06-15T21:03:01.795+05:302018-06-15T21:03:01.795+05:30इस बाल उपन्यास की कहानी महेश भट्ट की फिल्म ' न...इस बाल उपन्यास की कहानी महेश भट्ट की फिल्म ' नाम ' से मिलती है ...Sachin Tyagihttps://www.blogger.com/profile/10106706710061987931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6624276145362245599.post-36800350013817399242018-06-14T11:52:18.686+05:302018-06-14T11:52:18.686+05:30अभी तो मैं पढने के लिए उत्सुक हूँ, भारतीय लोगों को...अभी तो मैं पढने के लिए उत्सुक हूँ, भारतीय लोगों को अपने जमीन की कहानियाँ परक्य जैक्सन या हैरी पॉटर जैसे परिपक्वता से कहने की जरूरत है. और मैं भी अब हिंदी साहित्य से जुड़ना शुरू हो रहा हूँ और मजा आ रहा है. पता नहीं क्यूं इतनी मायूशी है उपन्यासों के बाजार में ajay singhhttps://www.blogger.com/profile/03585411426584807316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6624276145362245599.post-82940533869033559682018-06-14T09:37:11.713+05:302018-06-14T09:37:11.713+05:30जी, मुझे भी पिछले वर्ष ही इनका पता चला। जीवन में क...जी, मुझे भी पिछले वर्ष ही इनका पता चला। जीवन में कभी बाल उपन्यास नहीं पढ़ा था। सोचा देखता हूँ उस वक्त कैसे लिखे जाते थे। बाल उपन्यास में जिन्होंने पर्सी जैक्सन जैसे वृद्ध कथानक पढ़े हैं उन्हें ये शायद ज्यादा सिम्पल लगेंगे। आपकी राय जानने को इच्छुक हूँ।विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6624276145362245599.post-62903790933930611442018-06-14T09:21:30.018+05:302018-06-14T09:21:30.018+05:30maine bhi mangwaa liyaa ye set... maine aise hindi...maine bhi mangwaa liyaa ye set... maine aise hindi upanyaas nahi padhe lekin videsho ke padhe the aur sochtaa thaa kee india me aisa kyun nahi likha gaya. jabkee mujhe ye sabse fast selling books in terms of production & chances of readers liking it. ajay singhhttps://www.blogger.com/profile/03585411426584807316noreply@blogger.com