नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

शब्दगाथा प्रकाशन का नवीन सेट हुआ रिलीज


शब्दगाथा प्रकाशन का नवीन सेट हुआ रिलीज

 शब्दगाथा प्रकाशन ने अपने नवीन सेट की घोषणा कर दी है। उनके इस नवीन सेट में तीन पुस्तकों को रिलीज किया जा रहा है। 

यह तीन पुस्तकें निम्न हैं:

साँझ हुई घर आए + मुरझाए फूल फिर खिले 


शब्द गाथा की पहली पेशकश जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा के दो उपन्यासों का संकलन है। इस संकलन में उनके दो सामाजिक उपन्यासों को प्रकाशन पाठक के सम्मुख लेकर आया है। 

यह उपन्यास हैं:


साँझ हुई घर आए 

मानव अपने दृष्टिकोण का किस प्रकार बंदी बन जाता है और अपेक्षायें मानव को कितना हिंसक बना सकती हैं, यह इस उपन्यास का कलेवर रचता है। किंतु अपने किसी कृत्य से उपजी त्रासदी से कैसे निपटा जाये, ये इस उपन्यास का कथ्य है। प्रेम, कर्तव्य, विवशता, लोभ अनेक मानवीय भावों का अत्यंत कुशल चित्रण उपन्यास को अविस्मरणीय बना देता है।


मुरझाए फूल फिर खिले

यह उपन्यास हिंदू समाज में विधवा स्त्री की व्यथा का मार्मिक चित्रण करते हुए प्रारंभ तो होता है किन्तु यह वहीं ठहरा नहीं रहता। यह उससे आगे बढ़कर उस स्त्री के मानवीय उत्कर्ष और उसमें विभिन्न लोगों की भूमिका को भी स्वर देता है।


पुस्तक विवरण:

उपन्यास: साँझ हुई घर आए + मुरझाए फूल फिर खिले | लेखक: जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा | पृष्ठ संख्या: 252 | एमआरपी: 249 | ऑफर प्राइस: 219 | पुस्तक लिंक: शब्दगाथा


राजमुनि




'राजमुनि' लेखक आलोक सिंह 'खालौरी' का प्रसिद्ध हॉरर उपन्यास है जिसे शब्दगाथा अब नए रंग रूप में पाठकों के समक्ष लेकर आ रहा है। 

पुस्तक के विषय में

वो काँच की तरह नाजुक थी ……….तोड़ दी गई
वो फूलों की तरह कोमल थी………मसल दी गई
वो जिस पर बेइंतिहा विश्वास करती थी…….उसी ने उसे धोखा दिया
वो जो परम भाग्यशाली थी , उसका भाग्य ही उसका दुर्भाग्य बन गया।
क्या हुआ जब वो सुबह की पहली किरण सी लड़की एक यौनकुंठित हत्यारे के हत्थे चढ़ गई ।
फिर जन्म लिया तो फिर वही हत्यारा उसकी प्रतीक्षा में था।
जन्म दर जिसका भाग्य ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन था।
दो जन्मों में फैली दहशत भरी प्रेमगाथा

पुस्तक विवरण:

उपन्यास: राजमुनि | लेखक: आलोक सिंह खलौरी | पृष्ठ संख्या: 398 | एमआरपी: 399 | ऑफर प्राइस: 299 | पुस्तक लिंक: शब्दगाथा


प्रेम गली अति साँकरी


प्रेम गली अति साँकरी लेखक आलोक सिंह खालौरी का नवीनतम उपन्यास है। यह एक अपराध कथा है। 


पुस्तक के विषय में

ये मोहब्बत की कोई जंग नहीं थी, मगर पूजा इस जंग की एक ऐसा मोहरा बन गई, जिसे उसकी कीमत चुकानी पड़ गई।

अर्जुन, जिस रास्ते से लौट चुका था, उसे नहीं पता था कि समय की गति, एक बार फिर उसे उसी रास्ते का मुसाफिर बनाने पर मजबूर कर देगी।

वो, एक मासूम, नाजुक सी खुशबू थी, मगर जमाने ने उसे एक मकड़ी का नाम दिया, जो सिर्फ जाल बुन सकती थी। उसमें फंसाकर शिकार की जान ले सकती थी।

कत्ल पर कत्ल होते रहे, पूजा, अर्जुन और इंस्पेक्टर पांडे उलझते रहे। हर कत्ल के साथ भ्रम होता था कि कातिल के नज़दीक थे वे, मगर क़ातिल को भ्रम बनाए रखने में महारत थी।

खून से सनी, रोचक और मोहब्बत के तानों बानों से बुनी एक दिलचस्प कहानी।


पुस्तक विवरण:

उपन्यास: प्रेम गली अति साँकरी | लेखक: आलोक सिंह खलौरी | पृष्ठ संख्या: 196 | एमआरपी: 199 | ऑफर प्राइस: 169 | पुस्तक लिंक: शब्दगाथा


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अगर आप यह तीनों उपन्यास प्राप्त करना चाहते हैं तो यह तीनों उपन्यास प्रकाशन द्वारा कॉम्बो ऑफर के तहत भी मुहैया करवाए जा रहे हैं आप प्रकाशन से निम्न नंबर पर संपर्क करके 847 रुपये कीमत के इन उपन्यासों को 679 रुपये में घर बैठे बिना किसी डिलिवरी चार्ज के प्राप्त कर सकते हैं: 

 9867765305

पुसकतें 25 मार्च 2023 से पाठकों तक डिस्पैच होनी शुरू हो जाएँगी। 


शब्दगाथा प्रकाशन के उपन्यास अमेज़न पर भी उपलब्ध हैं। उधर से भी आप इनके उपन्यासों को प्राप्त कर सकते हैं:

शब्दगाथा- अमेज़न


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