नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

वरिष्ठ लेखक रामदरश मिश्र को वर्ष 2021 का 'सरस्वती सम्मान'


सरस्वती सम्मान 2021 | लेखक रामदरश मिश्र होंगे सरस्वति सम्मान से सम्मानित

 


के के बिड़ला फाउंडेशन (K K Birla Foundation) द्वारा वर्ष 2021 के सरस्वती सम्मान (Saraswati Samman 2021) की घोषणा की जा चुकी है। यह घोषणा 4 अप्रैल 2022 को की गई। वर्ष 2021 का सरस्वती सम्मान (Saraswati Samman 2021) प्रख्यात कवि और लेखक रामदरश मिश्र (Ram Darash Mishra) को 2015 में प्रकाशित उनके कविता संग्रह 'मैं तो यहाँ हूँ' (Main to Yahan Hun) के लिए दिया गया है। 


कौन हैं रामदरश मिश्र?

1924 में गोरखपुर जिले के डुमरी गाँव में जन्में रामदरश मिश्र (Ram Darash Mishra) हिंदी के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट किया है। 1956 में बदोड़ा के सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के रूप में नौकरी की। 1958 में गुजरत विश्वविद्यालय से जुड़ गए और 1964 में दिल्ली विश्वविद्यालय आ गए। वहाँ से 1980 में प्रोफेसर के रूप में सेवामुक्त हुए। 

लेखन में रामदरश मिश्र ने कविता, गीत, उपन्यास, कहानी, संस्मरण, यात्रा वृत्तान्त, निबंध, डायरी इत्यादि अनेक विधाओं में लेखन कार्य किया है। 'पानी के प्राचीर', 'जल टूटता हुआ', 'बीच का समय', 'बिना दरवाजे का मकान', 'दूसरा घर', 'थकी हुई सुबह', 'बीस बरस', 'परिवार' इत्यादि उनके कुछ उपन्यास हैं। 'खाली घर', 'एक वह', 'दिनचर्या', 'सर्पदंश', 'वसंत' का एक दिन इत्यादि उनके कुछ कहानी संग्रह है। 'पथ के गीत', 'बैरंग-बेनाम चिट्ठियाँ', 'पक गई है धूप', 'कंधे पर सूरज', 'जुलूस कहाँ जा रहा है' इत्यादि उनके कविता संग्रह हैं। 'स्मृतियों के छंद', 'अपने अपने रास्ते', 'एक दुनिया अपनी और चुनी हुई रचनाएँ', 'बूंद-बूंद बंदी' इत्यादि उनके संस्मरण हैं। 'किनते बजे हैं', 'बबूल और कैक्टस', 'घर-परिवेश', 'छोटे-छोटे सुख' उनके द्वारा लिखे गए निबंध संग्रह हैं। 'सहचर है समय' और 'फुरसत के दिन' उनकी आत्म कथाएँ हैं। 

इससे पूर्व रामदरश मिश्र (Ram Darash Mishra) शलाका सम्मान (2001-02),महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान (2004),भारत भारती सम्मान (2005), व्यास सम्मान (2011, कविता, संग्रह आम के पत्तों के लिये),साहित्य शिरोमणि सम्मान (2018),प्रभात शास्त्री सम्मान (2018) जैसे कई सम्मनों  से भी सम्मानित किये जा चुके हैं। 


सरस्वती सम्मान

ज्ञात हो वर्ष 1991 में स्थापित सरस्वती सम्मान (Saraswati Samman ) देश के सबसे प्रतिष्ठित साहित्य पुरस्कारों में से एक है। यह पुरस्कार हर वर्ष भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज भाषाओं में से किसी भाषा में प्रकाशित उत्कृष्ट रचना के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार के लिए सम्मान वर्ष से 10 वर्ष पहले तक प्रकाशित हुई कोई भी कृति मान्य होती है। पुरस्कार विजेता को शॉल, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और पंद्रह लाख रुपये की समान राशि दी जाती है। विजेता का चुनाव एक चयन समिति द्वारा किया जाता है। वर्तमान में सुभाष सी कश्यप, लोकसभा सचिवालय के पूर्व महासचिव, इस चयन समिति के अध्यक्ष हैं।  


बताते चलें पहला सरस्वती सम्मान हरिवंश राय बच्चन को 1991 में उनकी आत्मकथा के चार खंडों के लिए दिया गया था। वहीं हिंदी में गोविंद मिश्र जो उनके उपन्यास 'धूल पौधों पर' के लिए भी 2013 में यह पुरस्कार दिया जा चुका है। 



FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

Post a Comment

2 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. रामदरश मिश्र जी हिन्दी के सशक्त हस्ताक्षर हैं।

    ReplyDelete

Top Post Ad

Below Post Ad

चाल पे चाल