नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

लेखिका दिव्या शर्मा के लघु-कथा संग्रह ‘कैलेंडर में लटकी तारीखें’ का हुआ लोकार्पण


बिहार दिवस पुस्तक मेले में आयोजित हुआ लोकार्पण 

24 मार्च: बिहार दिवस के अवसर पर पटना बिहार में आयोजित तीन दिवसीय पुस्तक मेले 'बिहार दिवस पुस्तक मेले' में कथाकार दिव्या शर्मा के लघु-कथा संग्रह 'कैलेंडर पर लटकी तारीखें' का लोकार्पण कार्यक्रम हुआ।

यह कार्यक्रम पुस्तक के प्रकाशक साहित्य विमर्श प्रकाशन के स्टॉल पर वरिष्ठ लेखक मुकेश प्रत्यूष, डॉक्टर ध्रुव कुमार, समीर परिमल, विभा रानी श्रीवास्तव, मधुरेश नारायण एवं मृणाल आशुतोष ने किया। 

लोकार्पण के अवसर पर प्रबुद्ध जनों ने संग्रह के प्रति अपने विचार भी व्यक्त किए। अखिल भारतीय प्रगतिशील लघु-कथा मंच के महासचिव डॉ ध्रुव कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी की सशक्त लघु-कथाकार दिव्यास शर्मा के कथ्य और कथानक में पर्याप्त विविधता है, जो उन्हें भीड़ से अलग करती है। मृणाल आशुतोष ने कहा दिव्या शर्मा उन विषयों पर भी कलम चलाने में नहीं हिचकती हैं, जिन विषयों  को अक्सर लेखक अनदेखा कर देते हैं। कवि मुकेश प्रत्यूष ने कहा कि दिव्या नारी सशक्तिकारण की प्रतिनिधि के रूप में अपनी रचनाओं के साथ प्रस्तुत होती हैं। समीर परिमल ने लेखिका को इस कृति के लिए ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। इनके अलावा कार्यक्रम में मौजूद विभारानी श्रीवास्तव, रवि श्रीवास्तव, अमृता श्रीवास्तव, सुनील सिन्हा, मधुरेश नारायण, ऋचा वर्मा, मीणा परिहार और प्रकाशक सिद्धार्थ सहर और अभिराज ने भी अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए लेखिका दिव्या शर्मा को बधाई दी।  

लेखिका दिव्या शर्मा, कैलेंडर पर लटकी तारीखें

बताते चलें 'कैलेंडर में लटकी तारीखें' लेखिका दिव्या शर्मा का लघु-कथा संग्रह है। साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस लघु-कथा संग्रह में उनकी 87 लघु-कथाओं को संकलित किया गया है। 2017 से लेखन की शुरुआत करने वाली दिव्या शर्मा अब तक 150 से ऊपर लघु-कथाएँ लिख चुकी हैं। यह लघु-कथाएँ भिन्न भिन्न पत्रिकाओं एंव प्लेटफॉर्म्स में प्रकाशित हो चुकी हैं। 


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4 Comments
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  1. वाह.... लेखक और प्रकाशक को शुभकामनाएं

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  2. लेखिका दिव्या शर्मा को बहुत बहूत बधाई और शुभकामनाएं।

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