नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

साहित्यकार भरत चंद्र शर्मा को मिला गुजरात हिंदी साहित्य अकादमी का श्रेष्ठ कृति सम्मान


साहित्यकार भरत चंद्र शर्मा को मिला गुजरात हिंदी साहित्य अकादमी का श्रेष्ठ कृति सम्मान
साहित्यकार भरत चंद्र शर्मा

साहित्यकार श्री भरत चंद्र शर्मा को  हिंदी साहित्य अकादमी गुजरात द्वारा श्रेष्ठ कहानीकार सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें अहमदाबाद में आयोजित एक वार्षिक समारोह में प्रदान किया गया। श्री भरत चंद्र शर्मा को यह पुरस्कार 2018 में बोधि प्रकाशन से प्रकाशित उनके कहानी संग्रह 'कामाख्या और अन्य कहानियाँ' के लिए प्रदान किया गया।

समारोह में गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री श्री विष्णु पाण्ड्या, हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री श्री रविंद्र शुक्ल, गुजरात साहित्य अकादमी के महामंत्री डॉ जयेन्द्र सिंह जाधव आदी अतिथियों ने कहानीकार भरत चंद्र शर्मा को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एंव 11 हजार रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मानित किया। 


साहित्यकार भरत चंद्र शर्मा को मिला गुजरात हिंदी साहित्य अकादमी का श्रेष्ठ कृति सम्मान
तस्वीर: प्रेसनोट वेबसाईट से साभार

6 अक्टूबर 1950 को बांसवाड़ा राजस्थान में  जन्में श्री भरत चंद्र शर्मा बांसवाड़ा राजस्थान में रहते हैं। वह एक पूर्व बैंक अधिकारी है जो कि अब स्वतंत्र लेखन करते हैं। कहानी, उपन्यास, व्यंग्य, बाल-कथा जैसी विधा में वो लिखते हैं। उनके अब तक तीन कहानी संग्रह, एक काव्य कृति ,एक व्यंग्य संकलन, एक बाल कथा संग्रह और एक उपन्यास प्रकाशित हो चुका है। अपने लेखन के लिए वो साप्ताहिक हिंदुस्तान काव्य पुरस्कार 1984 (दिल्ली), साहित्य गुंजन पुरस्कार (इंदौर), साहित्य कला एवं रत्नाकर सम्मान (हल्दीघाटी), शब्द निष्ठा लघु-कथा सम्मान (अजमेर) जैसे सम्मानों से पुरस्कृत किये जा चुके हैं। 


(प्रेसनोट वेबसाईट पर प्रकाशित खबर पर आधारित)



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4 Comments
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  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (23-03-2022) को चर्चा मंच     "कवि कुछ ऐसा करिये गान"  (चर्चा-अंक 4378)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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    1. चर्चाअंक में प्रविष्टि को स्थान देने हेतु हार्दिक आभार...

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  2. हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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