नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

अनविटिंग अकंपलिस - आर वी रमन

संस्करण विवरण

फॉर्मैट: ई-बुक | पृष्ठ संख्या: 22

पुस्तक लिंक: अमेज़न

Hindi Review of Unwitting Accomplice by R V Raman



कहानी 

डॉक्टर गोविंद बहुत सालों बाद भारत आये थे। वह एक हृदय रोग विशेषज्ञ थे जो कि विदेश में रहते थे और इसलिए काफी समय से भारत में रहने वाले रिश्तेदारों से नहीं मिले थे।  

विशेषकर,  देविका से जो कि उन्हें काफी पसंद थी।  

लेकिन जब वह देविका से मिलने गये तो उन्होंने पाया कि किसी ने उनकी हत्या कर दी थी।

देविका एक 80 साल की वृद्धा थी जिसके विषय में डॉक्टर का भी कहना था कि वह छः महीने से ज्यादा जीवित नहीं रहने वाली थी।

 ऐसे में उनकी हत्या क्यों की गई? 

और उनका हत्यारा कौन था?


विचार 

अनविटिंग विटनेस आर वी रमन द्वारा लिखी हुई एक ऐसी रहस्यकथा है जिसे उन्होंने चतुराई से बुना हुआ है। इस 22 पृष्टों की कथा में लेखक पाठक के सामने इतने संदिध रखते हैं कि असली कातिल का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। कातिल का जब पता लगता है तो वह आपको चौंका देता है। 

हाँ, कहानी में इक्का दुक्का जगह दो चार कुछ गलतियाँ हैं जिन्हें एक बार की प्रूफ रीडिंग से सुधारा जा सकता था। 

कहानी में वैद्य का किरदार मुझे पसंद आया। वह एक होशियार व्यक्ति है जिसे अनुभव ने सिखाया है सब कुछ जाँच परख कर ही निष्कर्ष तक पहुँचना चाहिये। कहानी में बताया गया है कि वैद्य ने इससे पहले भी काफी जटिल मामले सुलझाये है।  इस कहानी को पढ़ने के बाद मैं वैद्य के उन दूसरे बड़े मामलों को भी मैं पढ़ना चाहूँगा। उम्मीद है लेखक इस पर ध्यान देंगे। 

अगर रहस्यकथायें पसन्द हैं तो कहानी पढ़कर देखिये। हो सकता है आपको भी यह उतना ही संस्तुष्ट करे जितना की इसने मुझे किया।

पुस्तक लिंक: अमेज़न


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