नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

थ्रिलवर्ल्ड प्रकाशन की नई पेशकश

थ्रिलवर्ल्ड प्रकाशन की नई पेशकश
थ्रिलवर्ल्ड प्रकाशन लोकप्रिय साहित्य की दुनिया में अपना नाम बना चुका है। अभी तक इस प्रकाशन से लेखक एम इकराम फरीदी और लेखक संतोष पाठक के उपन्यास ही प्रकाशित होते रहे हैं। अब इस प्रकाशन में नया नाम युवा लेखक चन्द्रप्रकाश पाण्डेय का भी जुड़ गया है।  

चन्द्रप्रकाश पाण्डेय अपने पाठकों के बीच मिथकों के इर्द गिर्द बुने हुए नवीन कथानकों के लिए जाने जाते हैं। परालौकिक तत्वों से लबरेज उनके कथानक पाठकों को भाते रहे हैं। फिर वही खौफ, अस्तित्व और अवंतिका उनके कुछ प्रकाशित उपन्यास है। अभी तक उनके उपन्यास किंडल पर ही मौजूद थे लेकिन अब प्रिंट रूप में भी वह पाठकों के लिए उपलब्ध रहेंगे।

थ्रिल वर्ल्ड प्रकाशन इस बार लेखक चन्द्रप्रकाश पाण्डेय के तीन उपन्यास पाठकों के समक्ष लेकर आ रहे हैं। यह उपन्यास निम्न हैं:

आवाज (मूल्य: 110 रूपये )

किताब के विषय में:
वह एक आवाज थी, जो कैथरीन को खतरों से आगाह करती थी लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि उस आवाज का राज़ तलाशना कैथरीन के लिए निहायत ही जरूरी हो गया। और जब राज़ सामने आया तो उसके होश उड़ गए।

क्या था आवाज़ का राज़?

यह भी पढ़ें: लेखक चन्द्रप्रकाश पाण्डेय के लघु उपन्यास आवाज की समीक्षा 

मौत के बाद (मूल्य: 170 रूपये)

किताब के विषय में:
चौदहवीं शताब्दी की शुरूआत में वेटिकन सिटी स्थित 'रोमन कैथोलिक चर्च' के तत्कालीन पादरी और कैथोलिक सम्प्रदाय के सबसे बड़े मुखिया की उस शाम जहर देकर हत्या कर दी गयी, जिस शाम उन्होंने बाइबिल के उस अध्याय को बदलने का आदेश जारी किया था, जो इस बात की गवाही देता था कि वेटिकन की धरती पर जीसस की बजाय शैतान की इबादत करने वाले लोग भी मौजूद थे। पोप की हत्या किसी धार्मिक अथवा राजनीतिक नहीं बल्कि एक शैतानी साजिश का परिणाम थी, ईसाइयत जब-तक इस नतीजे पर पहुंची, तब-तक बहुत देर हो चुकी थी और डेनियल ने शैतान के अनुबन्ध पर हस्ताक्षर करके उस गहरी साजिश की जड़ों को फिर से हरा कर दिया था।

विषकन्या (मूल्य: 170 रूपये)

किताब के विषय में:
विषकन्या अश्व्थामा रहस्यकथा त्रयी का दूसरा भाग है। अवंतिका से शुरू हुई यह कहानी विषकन्या में जारी है। 

वह, जो एक विशाल साम्राज्य के धरातल को निरीह प्राणियों के रक्त से सींचकर अपने षड्यंत्रों के लिए उपजाऊ भूमि तैयार कर रही थी। 

वह, जो सृष्टि के सर्वाधिक भयावह शाप से ग्रस्त पुरुस को अपना अराध्य मान चुकी थी। 

वह, जो अभिमंत्रित बाँसुरी की धुन पर मुग्ध होकर मृत्यु के रहस्यों को बताने वाले महासर्प की दासी बन चुकी थी।

वह जो विषकन्या थी। 

- किताब के बैककवर से

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इसी के साथ थ्रिलवर्ल्ड प्रकाशन एक योजना भी पाठकों के लिए लेकर आ रहा है। अगर आप 450 रूपये मूल्य की इन तीनों किताबों को मँगवाते हैं तो आपको यह 350 रूपये में मिलेंगी। वहीं अगर आप आवाज के साथ कोई एक अन्य किताब मँगवाते हैं तो आपको 280 रूपये मूल्य की किताबें 225 रूपये में दी जा रही है। इसके साथ प्रकाशन द्वारा यह किताबें बिना किसी डिलीवरी चार्ज के पहुँचाई जाएँगी। 
नोट: यह योजना 20 अप्रैल 2021 से पहले किताबें मँगवाने पर ही है।

किताबें आप 9598434828  पर पेटीएम से भुगतान करके मँगवा सकते हैं। 

©विकास नैनवाल 'अंजान'
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