नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

ताऊजी और मुर्दों की सेना - राजीव

संस्करण विवरण:
फॉर्मेट: पेपरबैक |   पृष्ठ संख्या: 74 | प्रकाशक: डायमंड पॉकेट बुक्स |  श्रृंखला: ताऊजी

किताब समीक्षा: मुर्दों की सेना - राजीव

कहानी:
काली शक्ति के उपासक जादूगर सोमाला ने दुनिया पर विजय प्राप्त करने के लिए मुर्दों की सेना का निर्माण कर लिया था। वह विश्व विजय के अपने अभियान पर निकलने को तैयार था कि काली शक्ति ने उसे ताऊजी के विषय में बताया। 

काली शक्ति के अनुसार जब तक  सोमाला ताऊजी पर विजय प्राप्त नहीं कर लेता तब तक उसका विश्व विजय का सपना पूरा नहीं हो सकता था। अब जादूगर सोमाला ने ताऊजी को मौत के घाट उतारने का निर्णय ले लिया था।

क्या सोमाला अपने लिए निर्णय को पूरा कर सका? 
सोमाला ने ताऊ जी को खत्म करने के लिए क्या क्या किया?
क्या ताऊजी सोमाला के हमलों से बच पाए? 
जादूगर सोमाला और ताऊ जी के टकराव का क्या नतीजा निकला?


मेरे विचार:
हॉरर उपन्यासों या ऐसे उपन्यासों जिनके कथानक तंत्र मंत्र पर आधारित होते हैं मुझे हमेशा से ही आकर्षित करते आये हैं। यह फंतासियाँ लेखक को रोमांच पैदा करने के लिए नया औजार दे देती है जिसका इस्तेमाल लेखक बहुत ही अच्छे पठनीय कथानक गढ़ने में करते हैं। ऐसे में जब मुझे डायमंड द्वारा प्रकाशित एक बाल उपन्यास, जिसकी पृष्ठभूमि तंत्र मंत्र और जादुई शक्तियाँ ही हैं, पढ़ने का मौका मिला तो मैं उसे पढ़ने से खुद को रोक नहीं पाया। चूँकि मैं बचपन में काफी कम बाल उपन्यास पढ़े हैं तो मैं गाहे बगाहे इन्हें पढ़कर बचपन की उस कमी को पूरा करता रहता हूँ। और इस बार मैं देखना चाहता था कि इस विषय को लेकर बाल पाठकों के लिए उस वक्त कैसा लिखा जा रहा था?

ताऊ जी और मुर्दों की सेना राजीव द्वारा लिखा गया बाल उपन्यास है। ताऊ जी डायमंड कॉमिक के एक किरदार हैं जिन्हें लेकर डायमंड कॉमिक्स ने कॉमिक्स तो प्रकाशित की ही थी साथ में डायमंड पॉकेट बुक्स के माध्यम से बाल उपन्यास भी प्रकाशित किये थे। 

ताऊ जी एक वृद्ध व्यक्ति हैं जिन्हें तंत्र मंत्र में महारत हासिल है। उनके पास एक जादूई डंडा भी है जो कि उनकी हर बात मानता है और इनसानों की तरह बातचीत करता है। अक्सर उनकी बातें काफी रोचक होती हैं। ताऊ जी से सम्बन्धित कहानियों में ताऊ अक्सर बुरी ताकतों से टकराते हैं और अंत में वह अपने ज्ञान और डंडे की मदद से अपने दुश्मनों पर काबू पा लेते हैं। प्रस्तुत उपन्यास ताऊ जी और मुर्दों की सेना में भी ऐसा ही कुछ होता है। 

उपन्यास का खलनायक जादूगर सामोला है जो कि विश्व विजय का सपना देखता है। जब उसे पता लगता है कि वह ताऊ जी को हराए बिना अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकता तो वह अपनी सारी शक्ति ताऊ जी को समाप्त करने में लगा देता है। यह वह कैसे करता है यही उपन्यास का कथानक बनता है जो कि रोचक है। 
हाँ, उपन्यास के शुरुआत में उसने मुर्दों की सेना बना ली होती है। वह एक बड़ा जादूगर रहता है। सोमाला इस स्तर तक कैसे पहुँचा यह कहानी भी इधर होती तो अच्छा होता। पढ़कर मजा आता। 

उपन्यास का कथानक तेज रफ्तार है और यह अपनी पठनीयता शुरू से लेकर अंत तक बनाये रखता है। हाँ, चूँकि यह एक बाल उपन्यास है तो कथानक पढ़ते हुए कई बार यह अत्यधिक सरल भी लगता है। जो योजनाये सोमाला बनाता है उन्हें पढ़ते हुए आप सोच में पड़ जाते हो कि इतना अधिक शक्तिशाली जादूगर क्यों बच्चों जैसी योजना बना रहा है। मुझे पढ़ते हुए लग रहा था कि शायद बचपन में अगर मैं इसे पढ़ता तो उपन्यास का लुत्फ़ ज्यादा अच्छे तरीके से ले पाता। वहीं मुझे यह भी लगता है कि मुर्दों की सेना एक ऐसा कांसेप्ट है जिसे लेकर वयस्कों के लिए भी अच्छा उपन्यास लिखा जा सकता है। 

उपन्यास की कमियों की बात करूँ तो कुछ ही बातें मुझे खली। सोमाला विश्व विजय का सपना देखता है। वह जादूगर है लेकिन उसके पास केवल एक ही मुख्य सेवक है। यह बात अटपटी लगी। सोमाला जिस काली शक्ति की पूजा करता है वह ताऊ जी के विषय में उसे आगाह तो करती है लेकिन कभी बीच में नहीं पड़ती है। यह बात भी अटपटी लगी। ताऊजी का जेल से निकलना भी ज्यादा ही सरलता से हो गया। इसे और रोमांचक बनाया जा सकता था। वहीं ताऊ जी को मुर्दों की सेना को कैसे मारना है यह बात भी पहले से ही पता रहती है। उन्हें यह बात कैसे पता है इस पर कोई रोशनी नहीं डाली गयी है। बताई जाती तो बेहतर रहता। 

अंत में यही कहूँगा कि यह एक बार पढ़े जा सकने वाला बाल उपन्यास है। अगर मिलता है तो पढ़ सकते हैं लेकिन अगर नहीं भी मिलता है तो न पढ़ कर आप कुछ ज्यादा खो भी नहीं रहे हैं। 

बाल पाठकों की इसके प्रति क्या राय होगी या अगर आपने इसे बचपन में पढ़ा था तो आपको यह कैसा लगा था यह मैं जरूर जानना चाहूँगा।

ताऊजी श्रृंखला के कुछ अंग्रेजी कॉमिक्स किंडल पर मौजूद हैं। अगर आपके पास किंडल अनलिमिटेड है तो आप इन्हें बिना किसी अतिरिक्त शुल्क दिए निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
ताऊ जी कॉमिक बुक्स

©विकास नैनवाल 'अंजान'


FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

Post a Comment

4 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. अच्छी समीक्षा।
    उपयोगी जानकारी।

    ReplyDelete
  2. राजीव के नाम से कौन सभी बाल पाकेट बुक्स लिखता था?

    ReplyDelete

Top Post Ad

Below Post Ad

चाल पे चाल