नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

आज का उद्धरण

कमलेश्वर कोट्स | काली आँधी | life quotes


ज़िन्दगी में हर चीज नहीं मिलती। आदमी को चुनाव करना पड़ता है कि उसे क्या चाहिए... इस चुनाव में जो चीजें छूट जाती हैं, उनके लिए दुःख नहीं करना चाहिए! तुमने जो ठीक समझा...उसे चुन लिया था। मैंने जो ठीक समझा, वह चुन लिया था। अब पछताना कैसा?

...

- पछताने में कुछ नहीं रखा है, जीतनेवाला तो जीतता ही है, हारने वाला भी एक दिन जीत जाता है... लेकिन पछताने वाला हमेशा पछताता ही रह जाता है।    

- कमलेश्वर, काली आँधी

किताब लिंक: किंडल

FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

Post a Comment

10 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. हाँ विकास जी । ठीक कहा कमलेश्वर जी ने । सच यही है कि कभी किसी को मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता । कुछ खोना है, कुछ पाना है, जीवन का खेल पुराना है । पछताने से कभी कोई लाभ नहीं होता ।

    ReplyDelete
  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (14-03-2021) को    "योगदान जिनका नहीं, माँगे वही हिसाब" (चर्चा अंक-4005)    पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    --  
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-    
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

    ReplyDelete
    Replies
    1. चर्चा अंक में मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार, सर....

      Delete
  3. कमलेश्वर जी की मैं भी फैन हूंं व‍िकास जी, आपने काली आंधी का पता भी दे द‍िया...धन्यवाद
    कमलेश्वर के उपन्यासों में काली आँधी का अपना विशिष्ट स्थान है। इंदिरा गाँधी के प्रधानमंत्रित्व काल में इसकी रचना हुई और इसका मुख्य चरित्र उन्हीं का प्रतिनिधित्व करता है...

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी आभार... आपने सही कहा यह उपन्यास उन्हीं पर आधारित था....

      Delete

Top Post Ad

Below Post Ad

चाल पे चाल