सचमुच, ऐसा कौन सा आदमी है जो अपने लिए अपना अतीत दोबारा ठीक नहीं करना चाहता? अतीत की घटनाओं और क्षणों के अर्थ बदलकर अपने को सही और ठीक साबित नहीं करना चाहता? वह चाहे अपने लिए ही हो, पर ऐसा होता जरूर है....।
- कमलेश्वर, आगामी अतीत
किताब लिंक: हार्डकवर
FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.
True that!
ReplyDeleteyep....
Deleteपर अतीत की गलतियाँ सुधारने के लिए कोई विकल्प संसार में मौजूद नहीं। अनगिन लोग यही हसरत लिए जमाने से विदा हो गए।
ReplyDeleteजी सही कहा... बस हम लोग उनसे सीख ले सकते हैं कि भविष्य में वह गलतियाँ हमसे न हों....
Deleteउपयोगी वाक्य।
ReplyDeleteजी धन्यवाद...
Delete