नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

Book Haul: जुलाई-अगस्त 2020- 2

बुक हॉल : जुलाई अगस्त #2
बुक हॉल: जुलाई अगस्त #2


दोस्तों जैसा कि पोस्ट के शीर्षक से ही साफ हो जाता है यह जुलाई और अगस्त में खरीदी गयी पुस्तकों के ब्यौरे की दूसरा भाग है। पहला भाग आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:

पिछली पोस्ट मैं मैंने जुलाई और अगस्त में मँगवाई गयी आठ पुस्तकों का ब्यौरा दिया है। वो सभी पुस्तकें सूरज पॉकेट बुक्स की थी। अब इस पोस्ट में मैं इन दो महीनों में मँगवाई गयी अन्य पुस्तकों का ब्योरा भी दूँगा। ये सभी पुस्तकें अलग अलग प्रकाशनों के प्रकाशित हुई हैं और इनके विषय भी अलग अलग हैं। इन किताबों में एक जीवनी है, दो कहानी संग्रह हैं, एक अनुवाद है और पाँच उपन्यास हैं। उपन्यासों में तीन हिन्दी के उपन्यास हैं और दो अंग्रेजी के उपन्यास हैं। हाँ, ज्यादातर पुस्तकें अपराध साहित्य की ही हैं क्योंकि मैं अक्सर अपराध साहित्य पढ़ना ही पसंद करता हूँ। अगर पुस्तकें आपको पसंद आती हैं तो उनको खरीदने का लिंक मैंने पोस्ट के साथ ही दिया है। आप आसानी से उधर जाकर किताबें खरीद सकते हैं। पुस्तकें निम्न हैं:


बुक हॉल: जुलाई-अगस्त 2
बुक हॉल: जुलाई-अगस्त 2


9. दुनिया से निराला हूँ, जादूगर मतवाला हूँ - पराग डिमरी

'दुनिया से निराला हूँ, जादूगर मतवाला हूँ' हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर संगीतकार ओ पी नैय्यर की जीवनी है। ओ पी नैय्यर के विषय में अगर आप नहीं जानते हैं तो ये वही संगीतकार हैं जिन्होंने ले के पहला पहला प्यार, बाबू जी धीरे चलना, तारीफ करूँ क्या उसकी, आओ हुजूर तुमको जैसे खूबसूरत गीतों के लिए संगीत दिया था।

पराग डिमरी ओ पी नैय्यर के प्रशसंक रहे हैं और चूँकि नैय्यर  साहब के विषय में हिन्दी में ज्यादा कुछ लिखा नहीं गया था तो उन्होंने इस किताब को लिखने का बीड़ा उठाया। मैं काफी वक्त से किताब खरीदना चाहता था तो आखिरकार खरीद ही ली है।

एक बुक जर्नल पर किताब के ऊपर लेख और पराग डिमरी से हुई हमारी बातचीत भी हैं। आप इन्हें निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:

पराग डिमरी

किताब का लिंक: पेपरबैक  | किंडल

10. कॉमरेड - अंकुर मिश्रा 

कॉमरेड अंकुर मिश्रा का दूसरा कहानी संग्रह है। इस संग्रह में उनकी ग्यारह कहानियों को संकलित किया गया है। इससे पहले उनका कहानी संग्रह द जिंदगी आया था जिसे पाठकों ने खूब सराहा था। 

कॉमरेड के विषय में अधिक जानकरी आप निम्न पोस्ट पर पा सकते हैं:

कॉमरेड के ऊपर अंकुर मिश्रा से की गयी बातचीत आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:

किताब का लिंक: पेपरबैक


11. रिनाला खुर्द - ईशमधु तलवार 

रिनाला खुर्द से मेरी मुलाकात अमेज़न के ई स्टोर में टहलते हुए हुई थी। जब मैं कई बार खाली होता हूँ तो उधर टहलने निकल जाता हूँ। जब किताब के विषय में अमेज़न में दर्ज जानकारी देखी तो उधर किताब पर प्रभात रंजन की टिप्पणी दर्ज थी। उस टिप्पणी में दो बातें जिन्होंने मेरा ध्यान आकर्षित किया वह निम्न थी:

रिनाला खुर्द लेखक ईशमधु तलवार का एक ऐसा उपन्यास है जिसमें भारत विभाजन का दर्द है, जिसमें सरहद के इस पार की हूक सुनाई देती है तो उस पार की सिसकियाँ।

भारत विभाजन एक ऐसा विषय है जिसे लेकर हर भारतीय के मन में एक तरह की उत्सुकता होगी। हमारी पीढ़ी जो कि विभाजन होने के कई सालों बाद आई है वह इस दुःख को समझ नहीं सकती है। हाँ, उसका हल्का सा अहसास इस विषय पर लिखे गये उपन्यासों और किताबों को पढ़कर ही हो सकता है। यही कारण था कि मैंने इस उपन्यास को लेने की योजना बना दी थी। फिर टिप्पणी का दूसरा निम्न हिस्सा मैंने पढ़ा तो उपन्यास कार्ट में डाल ही दिया:

उपन्यास में सूखी नदी के स्रोत की तलाश के माध्यम से प्रेम के उस विलुप्त होते स्रोत की तलाश की कोशिश भी बड़ी शिद्दत से दिखाई देती है जिसके ऊपर नफरत की दीवार खींच दी गई।

यह पढ़कर मुझे लगा कि उपन्यास में एक यात्रा भी है और जैसे मैं पिछले पोस्ट में बता चुका हूँ कि यात्रा आधारित उपन्यास मुझे पसंद आते हैं तो इसलिए इसे लेना तो बनता ही था।

किताब का लिंक: पेपरबैक | हार्डबैक | किंडल 

12. गुण्डागर्दी - अनिल मोहन 

अनिल मोहन के देवराज चौहान श्रृंखला का उपन्यास गुण्डागर्दी रवि पॉकेट बुक्स द्वारा पुनःप्रकाशित किया गया है।  चूँकि यह श्रृंखला मुझे पसंद आती है तो उपन्यास लेना बनता ही था। वैसे भी भले ही पुनः प्रकाशन हो लेकिन मैंने इस उपन्यास को पहले नहीं पढ़ा था तो मेरे लिए तो यह नया ही है। उपन्यास के पीछे इसका विवरण किताब के प्रति उत्सुकता जगाता है:

एक ऐसा अजीबो-गरीब शहर जिस पर गुण्डागर्दी डिपार्टमेंट राज करता था। भयानक अपराधियों का एक ऐसा खतरनाक संगठन जिसके बनाये क़ानून के आगे पुलिस प्रशासन भी लाचार था।

गुण्डों के उस शहर में मानवता गुण्डागर्दी के क़दमों तले रौंदी जा रही थी। 

कैसा था गुण्डागर्दी डिपार्टमेंट..कौन थे उसको चलाने वाले खूँखार औह्देदार और क्यों बन गये थे तो डकैती मास्टर देवराज चौहान की जान के दुश्मन?

क्यों हैं न उत्सुकता जगाता विवरण? मुझे तो रोचक लग रहा है। आपका क्या ख्याल है? क्या आपने इसे पढ़ा है?

13. शालीमार - हसन अलमास 


शालीमार जेम्स हेडली चेज के उपन्यास द वल्चर इस अ पेशेंट बर्ड का हिन्दी अनुवाद है। यह अनुवाद हसन अलमास द्वारा किया गया है जिनका कि इस क्षेत्र में यह पहला प्रयास है। उपन्यास के कुछ अंश एक बुक जर्नल पर भी प्रकाशित हुआ था।
 
अगर आप पढ़ना चाहे तो  निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:

चूँकि इस पोस्ट के पहले भाग भी मैं बता चुका हूँ कि चेज के उपन्यास मुझे पसंद आते हैं तो उपन्यास लेना बनता ही था। अनुवाद भी अंश से अच्छा लगा था। आप अंश पढ़कर अपनी राय बना सकते हैं।

14. टोपाज - कँवल शर्मा 
टोपाज कँवल शर्मा का सातवाँ उपन्यास है। मैं उनके तीन उपन्यास अब तक पढ़ चुका हूँ और इसे मिलाकर छः उपन्यास मैंने खरीद लिए हैं। चूँकि इससे पहले के उपन्यासों ने मेरा मनोरंजन किया था तो इसे खरीदना लाजमी  था।

खरीदते वक्त बस मुझे इतना पता था कि उपन्यास का शीर्षक टोपाज है जो कि एक तरह का नग होता है और शायद इस कारण इसकी कहानी किसी नग के चारो ओर ही बुनी गयी है। अब उपन्यास हाथ में है तो उपन्यास के पीछे दर्ज उपन्यास का विवरण मेरे ख्याल को पुख्ता करता है और उपन्यास के प्रति उत्सुकता जगाता है।
आप भी विवरण पढ़िए:

एक्स जेलबर्ड पीताम्बर सचदेवानी किस्मत के मामले में वो शापित शख्स था जिसने जब जिस काम में हाथ डाला हमेशा चोट ही खाई जिसकी खाउल्खास और एग्ज़मपलरी बद-किस्मत का तोड़ किसी झाड़-फूँक, गंडे ताबीज वाले के पास न था और जो बार-बार पलटकर लगातार उस पर वार करती थी।

यूँ ऐसी आउटस्टैंडिंग किस्मत को ढोते शख्स के निशाने पर था शाही खानदान का वो पीला-नग जिस पर दावा दो जुदा पार्टियों का था, पीछे कोई और तीसरा पड़ा था और जो हासिल था किसी चौथे को।

तो ये है उपन्यास का विवरण।  विवरण पढ़कर तो मन में यही आता है पीताम्बर का यह मिशन रोचक होने वाला है। उसकी किस्मत के चलते उसके साथ कुछ न कुछ ऐसा जरूर होगा जिससे उसकी योजना में फच्चर पड़े और वह फँसे। देखना है आगे क्या होगा?

वैसे पीताम्बर का जैसा विवरण दिया है यह मुझे डोनाल्ड ई वेस्ट लेक के किरदार जॉन डोर्थमंडर की याद दिलाता है। डोर्थमंडर भी एक पेशेवर चोर है जो कि योजना तो बड़ी तगड़ी बनाता है लेकिन फिर उस योजना में उसकी बुरी किस्मत के चलते ऐसे फच्चर पड़ते हैं कि कॉमेडी हो जाती है। इस उपन्यास की कहानी भी हल्की हल्की जॉन डोर्थमंडर के उपन्यास द हॉट रॉक जैसी लग रही है। उसका विवरण कुछ यूँ है:

John Archibald Dortmunder is the thief whose capers never quite come off. Here, the released convict and his ride pal Kelp plot to steal the $500,000 Balaboma Emerald. The former British colony has recently become independent and split. The Akinzi have the stone, the Talabwo want it back, and their UN rep will pay for retrieval.

अब देखना ये है कि यह समानता कहाँ पर शुरू होती है और कहाँ पर खत्म।

टोपाज, शालीमार और गुण्डागर्दी उपन्यास रवि पॉकेट बुक्स से प्रकाशित हुए हैं। ये उपन्यास आप रवि पॉकेट बुक्स के संचालक मनेष जैन से सम्पर्क स्थापित करके मँगवा सकते हैं। 
उनका फेसबुक आई डी निम्न है:

15. ये मर्द:ये औरतें - सआदत हसन मंटो 

ये मर्द ये औरतें भी मुझे अमेज़न में भटकते हुए ही मिला था। यह सआदत हसन मंटों की लिखी किताब है। जब मैंने किताब के विवरण में पढ़ा कि यह मंटों का लिखा एक लौता प्रेम उपन्यास है तो बिना ज्यादा सोचे इसे मँगवा लिया।

उपन्यास मिला तो पता चला कि इसमें मंटों की चार कृतियाँ संकलित हैं जो कि सोने पर सुहागा ही था। ये कृतियाँ निम्न हैं:

ये मर्द ये औरतें 
मम्मी 
टोबा टेक सिंह 
शाहदौले का चूल्हा

यह किताब हिन्द पॉकेट बुक्स से प्रकाशित है और जब से पेंगुइन से जुड़ा है तबसे उसने काफी पुरानी किताबों का पुनः प्रकाशन किया है। उनकी सूची रोचक है। आपको एक बार देखना चाहिए।

किताब का लिंक: पपेरबैक 


16. Birdcage Walk - Helen Dunmore

हेलेन डनमोर की बर्डकेज वाक भी मुझे अमेज़न में टहलते हुए ही मिली थी। यह एक ऐतिहासिक रोमांचकथा है और इसकी कहानी ने मेरा ध्यान आकर्षित किया था। कहानी कुछ यूँ है:

वर्ष 1792 का यूरोप है। 

लिजी फॉक्स ऐसे परिवेश में पली बढ़ी है जहाँ फ्रांसीसी क्रान्ति और उससे जुड़े विचारों को समर्थन दिया जाता रहा है। हाल फिलहाल में उसकी शादी जॉन डिनर ट्रेडवांट से हुई है। जॉन एक प्रॉपर्ट डेवलपर है जिसके व्यापर के लिए यह राजनितिक और समाजिक उथल पुथल का वातावरण अनुकूल नहीं है। इसलिए वह इस क्रांति के पक्ष में नहीं है।

वहीं वह यह भी मनाता है कि लिजी जरूरत से ज्यादा स्वतंत्र है और एक औरत होने के नाते उसे इतना स्वतंत्र, इतना आज़ाद ख्याल नहीं होना चाहिए।  हर चीज पर सवाल उठाने वाली लिजी का यह रवैया उसे पसंद नहीं आता है। उसे लगता है कि लिजी को उसके मन मुताबिक ही रहना चाहिए।

और जैसे जैसे जॉन की ये दीवानगी लिजी की तरफ बढती जाती है लिजी को लगने लगता है कि उसने जॉन से ब्याह करके कुछ गलत किया है।

चूँकि यह उपन्यास 1972 के यूरोप में बसाया गया है तो उस वक्त के यूरोप को देखने के लिए मैं उत्सुक हूँ। भूतकाल  में बसाए गये रोमांचक उपन्यासों की यही खासियत होती है कि आपको थ्रिल तो मिलता ही है लेकिन इतिहास के एक समय को जीने का मौका भी आपको मिल जाता है। उस वक्त की संस्कृति और समाज को देखने का भी मौक़ा मिलता है। उम्मीद है इस उपन्यास को जितनी तारीफ़ मिली हैं उसमें ये खरा उतरेगा।

किताब का लिंक: पेपरबैक | किंडल 


17. Distress Signals - Catherine Ryan Howard

कैथरीन रयान होवार्ड का नाम मैंने पहली बार तब सुना था जब 2019 का एडगर अवार्ड पाने के लिए शोर्ट लिस्ट की गयी सूची देख रहा था।उनके उपन्यास द लायर्स गर्ल को 2019 के सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के लिए नामंकित किया गया था। उन्हें अमेज़न पर ढूँढा तो पाया कि उनका पहला उपन्यास डिस्ट्रेस सिग्नल्स भी काफी ख्याति बटोर चुका है। चूँकि अपराध साहित्य में मेरी रूचि है तो मैंने उनके पहले उपन्यास से ही शुरू करने का मन बनाया। यह पढ़कर उनके ही दूसरा उपन्यास खरीदूँगा। फिर डिस्ट्रेस सिग्नल्स की कहानी भी रोचक लग रही है:

एडम एक परफेक्ट जिंदगी जी रहा था जब उसके साथ यह हादसा हुआ। उसकी प्रेमिका साराहएक बिजनेस ट्रिप के लिए बार्सिलोना तो गयी लेकिन वापस नहीं लौटी। फिर कुछ दिनों बाद सारह का पासपोर्ट उसके पास आता है जिसमे एक नोट होता है जिसमें लिखा होता है मुझे माफ़ कर दो।

यह नोट एडम को परेशान कर देता है और वह सारह को ढूँढने का फैसला कर देता है।

एडम की तलाश उसे एक क्रूज शिप सेलेब्रेट तक ले जाती है और इस तलाश के दौरान ही उसके एक और औरत  एस्टेल का पता लगता है जो सारह की तरह ही अचानक गायब हो गयी थी।

क्या एडम सारह को तलाश कर पाया? क्या सारह जीवत है ? साराह और एस्टेल में क्या सम्बन्ध है? 

है न रोचक? मैं तो पढ़ने के लिए उत्सुक हूँ। देखना होगा कि यह रहस्यकथा कैसे समाप्त होती है।

किताब का लिंक: पेपरबैक | किंडल

*****

तो यह थी वो किताबें जो मैंने जुलाई और अगस्त के महीने में खरीदीं। 

आप इनमें से कौन सी किताबें पढ़ना चाहेंगे?
क्या आपने इनमें से कुछ किताबें पढ़ी हैं? आपको वह किताबें कैसी लगी? 
आपने जुलाई और अगस्त में कौन कौन सी किताबें मँगवाई हैं? 

आपकी टिप्पणियों का मुझे इन्तजार रहेगा।

© विकास नैनवाल 'अंजान'
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4 Comments
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  1. आपके इस बेहतरीन प्रयास को साधुवाद। इस के माध्यम से अब नई किताबो के टॉपिक्स के बारे में आसानी से लिए चलेगा।

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    1. जी आभार.... इसी सोच के तहत ऐसी पोस्ट्स करना शुरू किया है.....

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  2. उपयोगी जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद।

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    Replies
    1. सर जानकारी आपको उपयोगी लगी यह जानकर मुझे अच्छा लगा। आशा है कुछ रोचक पुस्तकों से आपकी मुलाकात हुई होगी। आभार।

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