नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

तीन साँप

कॉमिक अगस्त 26 2020 को पढ़ा गया

संस्करण विवरण:

फॉर्मेट: पेपरबैक 

पृष्ठ संख्या: 30 

प्रकाशक: राज कॉमिक्स 

लेखक: तरुण कुमार वाही, चित्रकार: सुरेश डीगवाल, सम्पादक: मनीष गुप्ता

श्रृंखला: एंथोनी

तीन साँप

कहानी:

रूपनगर में आजकल त्रिमूर्ति इंटरनेशनल नामक गिरोह का आतंक था। त्रिमूर्ति इंटरनेशनल नामक गिरोह की कमान कट्टर, ट्रेगर और जीवा नामक दरिंदों के हाथ में थी। यह एक तस्करों का गिरोह था जो अपने सामने आने वाली हर मुसीबत को निस्तेनाबूद करने में विश्वास रखते थे।

और अब उनके सामने एंथोनी आकर खड़ा हो गया था। 

त्रिमूर्ति नाम के इन तीनों साँपों ने एंथोनी को डंसने की योजना बना दी थी।

ऐसा क्या हुआ था कि एंथोनी को इन तीन साँपों से टकराना पड़ा?

इस टकराव का क्या नतीजा निकला?

मुख्य किरदार:

इंस्पेक्टर चकरौला - रूपनगर का एक इंस्पेक्टर 
जैक  - त्रिमूर्ति इंटरनेशनल के लिए काम करने वाला एक व्यक्ति 
पौल्सन - त्रिमूर्ति इंटरनेशनल के लिए काम करने वाला एक व्यक्ति 
इंस्पेक्टर इतिहास - रूपनगर का एक इंस्पेक्टर जो कि चकरौला का सीनियर था 
रखिया - एक मोची 
कट्टर, ट्रेगर, जीवा  - त्रिमूर्ति इंटरनेशनल के लीडर 
खूनी - कट्टर का पालतू कुत्ता 
प्रिंस - एंथोनी का कव्वा 
एंथोनी - मुर्दा 
लक्खा -  त्रिमूर्ति इंटरनेशनल के लिए काम करने वाला एक व्यक्ति 

मेरे विचार:

पिछले कुछ वक्त से मैंने घर में रखी कॉमिक बुक्स को पढ़ना शुरू कर दिया है। कुछ दिनों पहले विराट सीरीज की दो कॉमिक्स पढ़ी और अब एंथोनी की तीन साँप को पढ़ा है। आजकल उपन्यास पढ़ने का मन नहीं कर रहा था तो यह कॉमिक्स एक अच्छे विकल्प के रूप में उभरी हैं। आगे भी संग्रह में मौजूद कॉमिक्स  पढ़े जायेंगे।

कॉमिक की बात आये तो हॉरर मेरे मन पसंद शैली में से एक है। इसलिए एंथोनी सीरीज की कॉमिक पढ़ना मुझे पसंद आता है क्योंकि कई बार इनमें हॉरर कॉमिक्स पढ़ने का लुत्फ़ मिल जाता है। कई बार एंथोनी की कॉमिक बुक के खलनायक भी उसी की तरह परालौकिक शक्तियों से लैस होते हैं और इस कारण रोमांच बढ़ जाता है। हालाँकि, यहाँ ये साफ़ कर दूँ कि तीन साँप में एंथोनी को छोड़कर शायद ही कोई किरदार परालौकिक शक्तियों का मालिक है।

तीन साँप दो भागों में विभाजित कहानी का पहला भाग है। इसका दूसरा भाग आया कंकाल है। इस कॉमिक बुक की कहानी की शुरुआत पुलिस द्वारा एक रेड अलर्ट से शुरू होती है जिसके तहत वह नाकाबंदी करते दिखते हैं। यह रेड अलर्ट क्यों है और पुलिस किसकी तलाश में है? यह कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो शरूआत में आपके मन में उत्सुकता पैदा करते हैं। जब आगे चलकर इनके उत्तर आपको मिलते हैं तो पाठक की मुलाकात त्रिमूर्ति  इंटरनेशनल के तीन साँपों कट्टर, ट्रेगर और जीवा से होती है। ये तीनो ही एक तस्करी गिरोह के सरगना हैं और जल्द ही पाठक इनके खूँखार व्यक्तित्व से वाकिफ हो जाता है। इसके बाद कहानी में एंथोनी आता है और कहानी का अंत त्रिमूर्तियों और एंथोनी के बीच टकराव से होता है।

खलनायकों के रूप में त्रिमूर्ति प्रभावित करते हैं। वह एंथोनी पर भारी पड़ते भी दिखते हैं। यही कारण है कि भले ही इस बार खलनायक सुपरनेचुरल ताकतों से लैस नहीं है लेकिन इससे कॉमिक के रोमांच में कहीं कमी नहीं आती है। तीनों में से हर एक व्यक्ति के पास कुछ न कुछ ऐसा है जो उन्हें ख़ास बनाता है। यह उनकी अपनी खूबी है जो कि एक तरह से उनकी पावर्स हैं। यह पावर्स त्रिमूर्ति इंटरनेशनल बनाने से पहले जो धंधे वो करते थे उससे ही जुड़ी हुई हैं। उनकी यह  बैकस्टोरी कॉमिक में एक एक पंक्ति में बताई गयी है लेकिन मेरे ख्याल से उसे लेकर एक उपन्यास लिखा जा सकता है जिसमें यह दर्शाया गया हो कि कट्टर, ट्रेगर और जीवा की त्रिमूर्ति इंटरनेशनल कैसे बने?

कहानी का अंत भी रोचक है। यह कुछ इस तरह से किया गया है कि पाठक इस कॉमिक का अगला भाग जरूर पढ़ना चाहेगा। अगले भाग में त्रिमूर्तियों के अलावा अन्य खलनायकों के आगमन की भी उम्मीद है। यह खलनायक कौन हो सकते हैं वह तो आप इस कॉमिक को पढ़ेंगे तो ही जान पाएंगे। यहाँ इतना ही कहूँगा कि त्रिमूर्ति इंटरनेशनल के लीडर इन्हें दिल्ली और राजनगर से लाने की बातें कर रहे थे। यह खलनायक कौन हो सकते हैं? बूझिये तो जरा।

अब मैं एक ख्याल का जिक्र करना चाहूँगा जो मेरे जहन में उस वक्त आया जब इस कॉमिक में एंथोनी की एंट्री होती है। जिन्होंने भी एंथोनी की कॉमिक पढ़े हैं वह जानते ही होंगे कि वह केवल रात ढलने पर ही कब्र से निकल सकता है। ऐसे में क्या दिन के वक्त में रूपनगर की रक्षा के लिए उसने कोई बन्दोबस्त किया हुआ? इस कॉमिक को देखकर तो लगता नहीं कि उसने ऐसा कुछ इंतजाम किया हुआ है। मुझे लगता है उसे करना चाहिए। इसे काम के लिए नया किरदार रचा जा सकता है। उसको कुछ कहानी दी जा सकती है। अगर आप लोगों को ऐसा कोई किरदार रचना हो तो आप क्या रचेंगे?  मुझे बताइयेगा जरूर।

वापिस कॉमिक की तरफ आते हैं। कॉमिक की कहानी की बात तो हमने कर ली, अब कॉमिक के अगले पहलू इस कॉमिक के आर्टवर्क के विषय में मैं बात करना चाहूँगा। आर्टवर्क सुरेश डींगवाल का है और ज्यादातर आर्टवर्क अच्छा बना है। एक कमी तो मुझे लगती है वह यह कि कई जगहों पर एंथोनी एक लड़की की तरह दिखता है। एक जगह पर तो उसके खड़े होने का तरीका पिछले साल प्रसिद्ध हुए एक मीम की याद दिलाता है। अगर एंथोनी थोड़ा मर्द जैसा दिखता तो बेहतर रहता।

मीम की याद दिलाता एंथोनी 

अंत में यही कहूँगा कि यह एक रोचक कॉमिक बुक है जो कि आपका मनोरंजन करता है और अगले भाग को पढ़ने के लिए एक उत्सुकता मन में जगाता है। हाँ, चूँकि यह पहला भाग है तो कहानी के विषय में दूसरा भाग जानकर ही कहा जा सकता है। उम्मीद है अंत निराश नहीं करेगा।

रेटिंग: 3/5 

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तीन साँप


एंथोनी के दूसरे कॉमिक बुक्स के विषय में मेरी राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:

एंथोनी 


राज कॉमिक्स से प्रकाशित अन्य कॉमिक के प्रति मेरी राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:

राज कॉमिक्स 


इस कॉमिक बुक आप राजकॉमिक्स के एप्लीकेशन पर जाकर भी पढ़ सकते हैं।


© विकास नैनवाल 'अंजान'

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7 Comments
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  1. मुझे एंटोनी के उस पोज़ मे कोई परेशानी नही दिख रहे है। उल्टा सभी कॉमिक हीरो उस सुडौल शरीर के कारण एक जैसे ही दिखते है।

    मैने पश्चिम और जापान मे देखा है। जहाँ लैंगिक भेद को तोड़ने के लिए कला का उपयोग किया जाता है।

    हमारे आर्टिस्ट कुछ नया कर रहे है। अच्छी बात है।

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    1. पोज में परेशानी तो मुझे भी नहीं थी बस यह पोज़ इस मीम की याद दिला रही थी तो इसे साझा कर दिया। मांगा और एनिमें वाली बात पर टिप्पणी नहीं कर सकता लेकिन इतना कहूँगा कि अगर वो इसे जेंडर न्यूट्रल रखना चाहते तो चेहरे के साथ साथ शरीर में भी समानता रखनी चाईए और यह बात कॉमिक के हर किरदार के लिए लागू होती। इसमें केवल एंथोनी ही इस तरह दिखता है जो कि शायद उसके लंबे बालों के कारण है।

      वैसे आप बहुत दिनों बाद आये? कहीं गए हुए थे क्या अमन जी???

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    2. आपकी बात भी सही है।

      ये वाला मीम मैं पहली बार देख रहा हूँ।

      फिर मैं नियमित पढ़ता हूँ आपका ब्लॉग। बस आजकल प्रतिलिपि पर कुछ ऊलजलूल कहानियाँ लिखने मे व्यस्त हूँ। मेरी टाइपिंग स्पीड बेहद कम है।

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    3. सही है। यह व्यक्ति पाकिस्तानी हैं और इस पोज के चक्कर में काफी प्रसिद्ध हुए थे।
      एक मीम ये रहा

      टाइपिंग स्पीड तो चैटिंग से तेज होती है..... एक सलाह है...व्हात्सएप्प फोन की जगह कंप्यूटर या लैपटॉप में चलाया कीजिये.... और फिर खूब चैटिंग कीजिये... काफी तेज हो जाती है उससे.....मेरी उसी से सुधरी....चैट करते वक्त तेज टाइप तो करना ही होता है लेकिन इसका भी ध्यान रखना होता है कि सही टाइप कर रहे हैं....

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    4. सुझाव के लिए धन्यवाद😀🙏🙏

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  2. वाह...परन्तु आपके विचारों से पाठक का सहमत होना आवश्यक नहीं।

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    1. जी,ये तो है। सहमति असहमति तो अलग बात है। पाठक विचार रखें वह महत्वपूर्ण है। उसी से संवाद शुरू होगा।

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