नेवर गो बैक | लेखक: ली चाइल्ड | शृंखला: जैक रीचर | अनुवादक: विकास नैनवाल

डोगा डाइजेस्ट ३: इंस्पेक्टर चीता, कुत्ता फौज

रेटिंग : 3.5/5

संस्करण विवरण:
फॉर्मेट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 64 | आईएसबीएन: 9789332418325

टीम
लेखक: तरुण कुमार वाही,संजय गुप्ता | पेंसिलर, इंकर: विनोद कुमार | संपादन: मनीष गुप्ता




मैंने कॉमिक्स को पढना शुरू किया तो एक एक कॉमिक्स लेने के बजाय डाइजेस्ट लेने की सोची। इससे फायदा ये होता है कि एक ही कॉमिक में कई पढने को मिल जाती हैं और जगह भी कम घेरती हैं। फिर चूँकि ये मोटी होती हैं तो संभालने में भी दिक्कत नहीं होती।

पिछले बार डोगा डाइजेस्ट २ पढ़ी थी जिसमें कि डोगा की तीन कॉमिक्स को संकलित किया गया था। तो सोचा इस बार आगे का डाइजेस्ट यानी  डाइजेस्ट नंबर 3 पढ़ा जाये।

इस डाइजेस्ट में केवल दो कॉमिक्स हैं- इंस्पेक्टर चीता और कुत्ता फ़ौज। इस पोस्ट में इन्ही के विषय में लिखूँगा। 

इंस्पेक्टर चीता
कहानी : 3.5/5
आर्ट : 3/5
पढने की तारीक : 24/05/2017

मुंबई शहर दहशत की गिरफ्त में है। एक नया गैंग जो खुद को सड़कछाप गैंग कहता है अपना सिर उठा रहा है। वो अंडरवर्ल्ड के दूसरे गैंग्स पर आक्रमण करके उनसे माल लूट कर ले जा रहा है।
आखिर कौन है ये गैंग और इसका मकसद क्या है? वो अंडरवर्ल्ड को क्यों निशाना बना रहा है? इस सबके जवाब को ढूँढने में लगा है इंस्पेक्टर चीता? क्या वो इसका जवाब ढूँढ पायेगा?
डोगा भी इस गैंग के आतंक से वाकिफ है? वो इस मामले को सुलझाने के लिए क्या करेगा? क्या एक बार फिर डोगा और चीता आमने सामने होंगे?


इंस्पेक्टर चीता नाम से जाहिर करता है कि इस कॉमिक को इंस्पेक्टर चीता पर ही केन्द्रित किया गया है। आधे से ज्यादा कॉमिक्स में इंस्पेक्टर चीता का जलाल ही दिखता है। कैसे वो बेख़ौफ़ खतरनाक दादाओं के अड्डे में जाकर उनको बस में करता है? कैसे वो एक कर्मठ पुलिसवाला है? ये सब इस कॉमिक्स में दिखाया गया है। अक्सर पहले की कॉमिक्स में ये दिखाया जाता रहा है कि चीता को डोगा की जरूरत पड़ती रही है लेकिन इस कॉमिक में ये क्लियर हो जाता है कि अपने आप में भी वो काफी अच्छा पुलिस वाला है। और अपनी क्षमता का दो सौ प्रतिशत अपने फर्ज को देता है।

कॉमिक्स की कहानी रोमांचक है। फाइटस सीन काफी बढ़िया हैं। और सड़क छाप गैंग का रहस्य अंत तक बना रहता है। अगर आपके पास इस कॉमिक का अगला हिस्सा कुत्ता फ़ौज नहीं है तो ले लें। वरना मज़ा किरकिरा हो जायेगा। अगले कॉमिक्स में शायद इस सड़क छाप गैंग के विषय में ज्यादा जानकारी हो।

इसमें तो चीते चीतागिरी का आनन्द उठाईये।



कुत्ता फ़ौज 
कहानी: 3.5/5
आर्ट :3/5
पढने की तारीक : 26 मई 2017

पूरा शहर सड़कछाप गैंग और अंडरवर्ल्ड  की गैंगवार से त्रस्त था। किसी को नहीं पता था कि सड़कछाप गैंग आखिर चाहता क्या था?इंस्पेक्टर चीता और डोगा भी, एड़ी चोटी का जोर लगाने के बावजूद ,  इनको रोकने में अब तक नाकामयाब रहे थे।

वहीं इन अंडरवर्ल्ड  अपराधियों के बॉस ने एक ऐसी योजना बनाई थी जिससे सड़कछाप गैंग नामक काँटा उसके रास्ते से हमेशा के लिए दूर हो जाना था।

आखिर कौन था ये सड़कछाप गैंग?
क्यों वो इन अंडरवर्ल्ड  के पीछे पड़ा था?
 क्या संगठित अपराधियों के सरगना अपनी योजना में सफल हुए ? इस गैंगवार का नतीजा क्या निकला?
डोगा और चीता इस गैंगवार को रोक पाए या नहीं?

कुत्ता फ़ौज इस डाइजेस्ट में मौजूद दूसरी कॉमिक्स है। इसकी कहानी उधर से शुरू होती जिधर 'इंस्पेक्टर चीता' की कहानी खत्म हुई थी। इसमें हम डोगा की कुत्ता फ़ौज से मिलते हैं जो कि डोगा की एक ही आवाज़ में दौड़ी चली आती है। वो ही उसके लिए हथियार लेकर आती है और समय पड़ने पर डोगा के दुश्मनों से टकराती है।

कहानी मजेदार थी। सड़कछाप गैंग का ससपेंस आखिर तक बरकरार रहता है और जब खुलता है तो दिल को छू जाता है। मुझे वो पसंद आया। इंस्पेक्टर चीता और सूरज के बीच के वार्तालाप चुटीले होते जा रहे हैं। उसका शक सूरज से हटता नहीं है और सूरज है कि हर बार उसे गलत साबित कर देता है। इनकी मुलाक़ात मजेदार होती है और मुझे उसे पढने में मज़ा आया।

बस एक बात मुझे खली। इंस्पेक्टर चीता पुलिस से पहले ही पहुँच जाता है। बेकअप के साथ चलेगा तो ज्यादा फायदा उसे रहेगा।


मुझे तो कॉमिक पसंद आया। मैंने इन दो कोमिको को पहली बार पढ़ा था। भविष्य में मूड किया तो दोबारा पढूँगा। मुझे यकीन है उस वक्त भी मुझे इसे पढने में मज़ा आयेगा।

अगर आपने इसे पढ़ा है तो आपको ये कैसा लगा? इस विषय में अपनी राय जरूर दीजियेगा?

अगर आप इसे पढना चाहते हैं तो आप इसे निम्न लिंक से मँगवा सकते हैं:
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